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जन्माष्टमी आज या कल ?

locationसूरतPublished: Sep 01, 2018 10:27:51 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

तिथि की अलग-अलग मान्यताओं के चलते रविवार और सोमवार दोनों दिन मनाई जाएगी, तैयारियां शुरू

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सूरत. अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि होने से इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी रविवार और सोमवार को दो दिन मनाई जाएगी। उदया तिथि में कन्हैया का जन्मोत्सव सोमवार को मनाया जाएगा। वहीं, तिथि, नक्षत्र के हिसाब से रविवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। शहर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से जारी हंै।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र और वृष लग्न में मध्यरात्रि को हुआ था। ज्योतिषी घनश्याम भारद्वाज का कहना है कि पंचागों में इस बार यह अष्टमी २ सितम्बर रविवार की रात्रि ८.४८ बजे से ३ सितम्बर सोमवार शाम ७.२0 बजे तक है। रोहिणी नक्षत्र रविवार रात्रि ८.४९ बजे से सोमवार रात्रि ८.०५ बजे तक और वृष लग्न रविवार रात्रि १० बजे से रात्रि ११.५७ बजे तक रहेगा। इसलिए स्मार्त रविवार को जन्माष्टमी मनाएंगे।

वहीं, इस्कॉन के चंद्र गोविंद दास ने बताया कि सूर्य सिद्धांत पर आधारित पंचांग में सूर्यास्त के पश्चात लगने वाली तिथि अगले दिन गिनी जाती है। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से जन्माष्टमी सोमवार को मनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी जन्माष्टमी को दो दिन १४ व १५ अगस्त को मनाई गई थी।
उधर, शहर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने की तैयारियां जारी हैं। मंदिरों समेत अन्य स्थलों पर जन्मोत्सव सहित अन्य कार्यक्रमों के आयोजन भी रविवार व सोमवार को किए जाएंगे।
हालांकि जन्माष्टमी की सरकारी छुट्टी सोमवार को होने के कारण अधिकतर मंदिरों, मठों समेत अन्य स्थानों पर जन्माष्टमी के आयोजन सोमवार को होंगे। इसके अलावा घरों, सोसायटी-अपार्टमेंट्स व सार्वजनिक स्थानों पर भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। कई स्थानों पर दही हांडी के कार्यक्रम होंगे।
जहांगीरपुरा मंदिर में तैयारियां


इस्कॉन की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व ३ और ४ सितम्बर को मनाया जाएगा। जहांगीरपुरा के इस्कॉन मंदिर में सोमवार सुबह से कार्यक्रमों का दौर शुरू होगा जो मध्यरात्रि तक चलेगा। बुधवार को मंदिर प्रांगण में नंदोत्सव मनाया जाएगा।
इस दौरान मंगल आरती, शृंगार दर्शन, पुष्पांजलि, राजभोग आरती, महाप्रसादी समेत अन्य कई कार्यक्रम होंगे। इसके लिए तैयारियां जारी हैं। इस्कॉन के दिलीप भाई ने बताया कि बृज से भगवान के लिए चांदी तार व जरदोषी वर्क से अलंकृत विशेष वस्त्र तैयार करवाए गए हंै। वहीं मंदिर में महाप्रसाद के लिए भी तैयारी चल रही है।

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