scriptकोरोना के बाद कम हुए रोजगार, नहीं मिल रहा काम | Jobs reduced after Corona, not getting work | Patrika News

कोरोना के बाद कम हुए रोजगार, नहीं मिल रहा काम

locationसूरतPublished: Nov 23, 2021 07:58:58 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

मजदूरों पर मंडरा रहा है बेरोजगारी का संकट

कोरोना के बाद कम हुए रोजगार, नहीं मिल रहा काम

कोरोना के बाद कम हुए रोजगार, नहीं मिल रहा काम

सिलवासा. कोविड महामारी खत्म होने की कगार पर है परन्तु दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी कम नहीं हो रही है। वे काम की तलाश में शहर आते हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है। शहर में इन मजदूरों के चुनिंदा स्थान हैं, जहां ये सुबह पहुंचते हैं और आवश्यकता के मुताबिक जिन्हे मजदूरों की जरूरत होती है, वे काम कराने इन्हे ले जाते हैं।
वापी रोड जामा मस्जिद के पास प्रतिदिन मजदूरों की भीड़ लगने लगी है। कइयों को काम नहीं मिलने से निराश होकर पुन: अपने घर लौट जाते हैं। मजदूरों से जब बात की तब उन्होंने कहा कि अब कोई काम नहीं दे रहा है। रूदाना से काम की तलाश में शहर आए रधिया सोनजी ने कहा कि कोरोना काल के बाद काम कम हो गया है। उन्होंने कहा कि घर में लोग काम कराना नहीं चाह रहे हैं और उद्योगों में काम कम हो गया है। जहां बड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां काम कम है, तो पहले से ही वहां मजदूर लगे हुए हैं।

कोरोना के बाद उद्योगों में आधी-अधूरी मशीनरी चलने से लेबर कांट्रेक्टर भी दिहाड़ी मजदूरों को काम देने में असमर्थ हैं। यहीं नहीं, घरों में काम करने वाली महिलाओं को भी रोजगार नहीं मिल रहा है। उद्योग, कारखाने, संस्थान, होटल में काम करने वाले डेली वेज मजदूरों को काम के बाद रोजाना शाम को मिलने वाली पगार बंद समान है। जिले में हजारों दिहाड़ी मजदूर रोज कमाओ रोज पाओं की तर्ज पर काम करते हैं। यह मजदूर घर, दफ्तर, लेबर कांट्रेक्टर, इमारत निर्माण आदि जगह लगे हुए हैं। इन मजदूरों को दिनभर काम के बाद शाम को नगद मेहनताना चाहिए।
कोरोना के बाद कारोबार व धंधे पटरी पर पूरी तरह नहीं लौटे हैं। उद्योग, कल-कारखाने पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाएं हैं। काम नहीं मिलने से बेरोजगार युवा वापी रोड जामा मस्जिद, आमली पैराडाइज होटल, टोकरखाड़ा सवेरे 6 बजे दिहाड़ी के लिए जुट जाते है। इसमें एमपी, महाराष्ट्र, राजस्थान के प्रवासी मजदूरों के अलावा खानवेल, मांदोनी, रूदाना, सिंदोनी के गांवों से भी महिला पुरुष सम्मिलित हो रहे हैं। यहां से नियोक्ता काम के लिए मजदूरों को ले जाते हैं, तथा शाम को मेहताना देकर विदा कर देते हैं। जिले में चार हजार से अधिक उद्योग स्थापित होने के बाद बेरोजगारी गंभीर समस्या है।

ट्रेंडिंग वीडियो