लंबित मांगों को लेकर क्वारी उद्योग हड़ताल पर
जिले की 100 क्वारियां बंद होने से हजारों का रोजगार होगा प्रभावित

नवसारी. गुजरात सरकार में 8 वर्षों से लंबित अपनी मांगों का समाधान नहीं होने से गुजरात क्वारी एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। इससे नवसारी की करीब 100 क्वारियां बंद होने से हजारों लोगों का रोजगार प्रभावित होगा। साथ ही सरकारी तिजोरी पर भी असर पड़ेगा।
गुजरात क्वारी एसोसिएशन ने वर्ष 2011 में उद्योग में हो रही परेशानी एवं अन्य मुद्दों को लेकर हड़ताल की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वारी उद्योग के अग्रणियों को समझाकर समाधान करवाया था। उसके बाद भी सरकार ने क्वारी उद्योग की समस्या हल नहीं की। गुजरात क्वारी एसोसिएशन ने गुरुवार से मांगें नहीं माने जाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। नवसारी जिले में भी 100 लीज हैं तथा 70 क्वारियां कार्यरत हैं। इनके बंद होने से 500 से अधिक ट्रकों के पहिए भी थम गए हैं। इसके चलते 25 हजार से अधिक लोगों का रोजगार भी प्रभावित होगा। वहीं जिले के खान-खनिज विभाग को डेढ़ से दो लाख रुपए की रॉयल्टी का नुकसान उठाना पड़ेगा। राज्य में 3 हजार क्वारियां बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार होंगे। सरकारी तिजोरी को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा।
क्वारी उद्योग की मांगें
क्वारी की लीज देते समय ही व्यवस्थित खाड़ा मापणी की जाए, जिसके बाद बार बार मापणी न हो, वाहनों व जेसीबी, पोकलैंड मशीनों का पंजीकरण आरटीओ कचहरी में होता है, उसके बाद फिर से खान-खनिज विभाग में पंजीकरण नहीं हो, ओवरलोड वाहन दंड के साथ डिटेन किए जाते हैं, लेकिन अन्य सामान भरे ओवरलोड वाहनों को सिर्फ दंड लेकर छोड़ दिया जाता है। ओवरलोड की समस्या का भी समाधान हो। जहां क्वारी हो उस क्षेत्र को क्वारी जोन घोषित किया जाए, जिससे कोई भी उस क्षेत्र में बिना मंजूरी प्रवेश न कर पाए।
आश्वासन पर अमल नहीं
हमने पूर्व में दो बार हड़ताल की थी। उस समय सरकार ने हमारी मांगे स्वीकारने का आश्वासन दिया गया, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हुआ। बाद में तमाम नए नियम लाए गए हैं। जैसे वाहनों का आरटीओ रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद खान खनिज विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना। उसमें प्रति ट्रक 20 हजार रुपए देना पडता है। ऐसे नियमों का हम विरोध करते हंै। जब तक हमारी मांगें स्वीकार नहीं होती हैं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
सलीम पटेल, उपाध्यक्ष, गुजरात क्वारी एसोसिएशन
रॉयल्टी देने के बावजूद सुविधाएं नहीं
हम रॉयल्टी में लाखों रुपए भरते हंै। उसके बावजूद हमें कोई सुविधा या सुरक्षा नहीं मिलती है। हमारे परिसर में कोई भी आ जाता है। परिसर में एक्सप्लोसिव होते हैं, अगर चोरी हो जाए और उसका दुरुपयोग हुआ तो बड़ी समस्या हो सकती है। इसलिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के पास खान-खनिज विभाग है, तो वे हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करें, यही हमारी मांग है।
शैलेषसिंह राजपूत, उपाध्यक्ष, जिला क्वारी एसो., नवसारी
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