बहन को पुत्र सुख देने के लिए किया नवजात के अपहरण का प्रयास
- महिला व मुंबई के दंपतीको न्यायिक हिरासत में जेल भेजा
- दो सप्ताह पूर्व हुई घटना से आया आइडिया

सूरत. न्यू सिविल अस्पताल से नवजात का अपहरण करने के प्रयास में पकड़े गई डिंडोली के महिला व मुंबई के दंपती को खटोदरा पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश कर उनके रिमांड की मांग की लेकिन अदालत ने रिमांड याचिका खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामले की जांच कर रहे पुलिस उप निरीक्षक आर.सी.नागोल ने बताया कि नवजात के अपरण की साजिश डिंडोली हरिद्वार सोसायटी निवासी संजुदेवी यादव ने रची थी। मुंबई जोगेश्वरी वेस्ट में निवासी उसकी चचेरी बहीन सुशीला यादव व बहनोई राम संजीवन यादव को दो पुत्रियां थी। पुत्र नहीं होने के कारण सुशीला परेशान रहती थी। सुशीला की पुत्र प्राप्ति की इच्छा पुरी करने के लिए उसने उन्हें सूरत बुलाया। पेशे से ट्रैक्सी ड्राइवर राम संजीवन अपनी कैब (कार) में सुशीला को लेकर सूरत आ गया। शनिवार दोपहर में तीनों न्यू सिविल अस्पताल पहुंचे। संजु व सुशीला गायनेक वार्ड में पहुंच गई। उन्होंने वार्ड में भर्ती विजय भांभोर व उसकी पत्नी सुमन के पास नवजात को देखा। फिर उन्होंने विजय से कहा कि खिडक़ी नम्बर ७-८ पर फॉर्म भरवाना है। फॉर्म भरने पर सरकार की ओर से आपको १२ हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंनेे बच्चे को फोटो के लिए साथ लेने के लिए कहा और बच्चे की सुमन को वार्ड में ही रहने के लिए कहा। विजय बच्चे को लेकर दोनों के साथ नीचे खिडक़ी पर आया। नीचे पहुंचने पर देखा तो दोनों खिड़कियां बंद थी। संजु व सुशीला ने बच्चे को विजय के हाथ से लेने का प्रयास किया और उससे केस पेपर पर सुमन के हस्ताक्षर करवा कर आने के लिए कहा। विजय को दोनों पर संदेह हुआ। उसने बच्चे को उनके हवाले नहीं किया और उनसे उनके बारे में सवाल पूछने शुरू किए। इससे दोनों घबरा गई और वे बाहर की ओर भागी। विजय शोर मचाते हुए उनके पीछे भागा पार्किंग में लोगों ने संजु, सुशीला और राम संजीवन को पकड़ लिया। खटोदरा पुलिस के हवाले कर दिया। खटोदरा पुलिस ने विजय की शिकायत के आधार पर तीनों के खिलाफ नवजात के अपहरण का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दो सप्ताह पूर्व हुई घटना से आया आइडिया
पुलिस का मानना है कि दो सप्ताह पूर्व न्यू सिविल अस्पताल से डिंडोली क्षेत्र की पूजा उर्फ रीना पाटिल नामक महिला ने इसी तरह न्यू सिविल अस्पताल से २५ दिन की नवजात बच्ची का अपहरण किया था। दो बार शादी होने के बावजूद संतान नहीं होने के कारण पूजा बच्ची को घर ले आई थी। लेकिन पुलिस ने एक ऑटो रिक्शा चालक की मदद से दो बाद उसे ढूंढ निकाला और बच्ची को सकुशल मुक्त करवा कर उसे और उसके पति को गिरफ्तार किया था। उत्तरप्रदेश के भदोही जिल ेक ेकोनिया कोटिया गांव की रहने वाली संजुदेवी को इस घटना के बारे में पता चलने पर उसने सुशीला के लिए न्यू सिविल अस्पताल से बच्चे का अपहरण करने की साजिश रची। उसका मानना था कि वह कामयाब हो जायेगी। लेकिन वह बहन बहनोई के साथ रंगे हाथों धरी गई। पुुलिस ने बताया कि संजुदेवी का पति लूम कारखाने में काम करता है और वह घर पर कढ़ाई बुनाई का काम करती है।
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