सूरत

MURDER MYSTERY : जानिए कैसे 39 दिन बाद सीवरेज लाइन में मिला लापता जमीन दलाल का शव ?

surat news : – 5 नवम्बर को हुआ था रहस्यमय हालात में लापता – हत्या के आरोप में दो जने गिरफ्तार, चार अन्य फरार
Know how the dead broker’s body found in the sewerage line after 39 days
Missing in mysterious circumstances on November 5 – two people arrested for murder, four others absconding in dindoli surat
 

सूरतDec 15, 2019 / 01:23 pm

Dinesh M Trivedi

MURDER MYSTERY : जानिए कैसे 39 दिन बाद सीवरेज लाइन में मिला लापता जमीन दलाल का शव ?

सूरत. डिंडोली क्षेत्र से ३९ दिन पूर्व रहस्यमय हालात में लापता हुए एक जमीन दलाल का शव शनिवार को डिंडोली क्षेत्र में ही एक सीवरेज लाइन से बरामद हुआ है। संभवत: उसकी हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए शव सीवरेज लाइन में फेंक दिया गया था। हत्या के आरोप में पुलिस ने दो जनों को गिरफ्तार कर साजिश में लिप्त अन्य आरोपियों की खोज शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार डिंडोली सीआर पाटिल नगर के निकट न्यू बालाजी नगर सोसायटी निवासी रामफेर (45) पुत्र भोलानाथ गौतम गत ५ नवम्बर को रहस्यमय हालात में लापता हो गए। जमीन दलाली का काम करने वाले रामफेर का पार्टनर श्यामलाल यादव सुबह आठ बजे उनके घर पर आया। उन्हें किसी को प्लॉट दिखाने के बहाने अपने कार्यालय पर ले गया। रामफेर का छोटा भाई भी मोटरसाइकिल पर उनके घर से सडक़ के दूसरी तरफ स्थित श्यामलाल के कार्यालय तक गया। रामफेर ने उसे भी साथ चलने को कहा था, लेकिन श्यामलाल ने रामफेर से कहा कि गाड़ी आ रही है, उसमें चले जाना। इस बीच एक गाड़ी आई उसमें रामफेर उसमें चले गए। उनका छोटा भाई भी अपने काम पर निकल गया। देर रात तक रामफेर नहीं लौटे तो परिजनों ने डिंडोली थाने में उनकी गुमशुद्गी दर्ज करवाई।
एक महीने तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही पुलिस


परिजनों का कहना है कि गुमशुद्गी दर्ज करवाने के दौरान हमने श्यामलाल, उसके साथी आलोक यादव, ज्वाला प्रसाद पर हत्या की आशंका जताई थी। उनसे पूछताछ कर जांच करने के लिए पुलिस से गुहार लगाई थी। श्यामप्रसाद ने धोखे से रामफेर के प्लॉट हथिया लिए थे। रामफेर ने एक डवलपर से १५ प्लॉट लिए थे। रामफेर अधिक पढ़े लिखे नहीं होने के कारण उन प्लॉट के अपने नाम पर कागज बना लिए थे, लेकिन प्लॉट बिक्री के बाद रुपए नहीं दे रहा था। गोड़ादरा का भी एक प्लॉट उसने बेच दिया था लेकिन रुपए नहीं दिए थे। इसको लेकर रामफेर का श्यामलाल के साथ विवाद भी हुआ था, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टा उन्हें यह कहा कि श्यामलाल प्रतिष्ठित व्यक्ति है उन पर क्यों आरोप लगाते हो।
दबाव बना तब हरकत में आई पुलिस


उत्तरप्रदेश के जौनपुर के मूल निवासी रामफेर के परिजन करीब एक माह तक थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। थाने में कोई सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं और अग्रणियों से संपर्क किया। शहर पुलिस आयुक्त और महकमें के आलाधिकारियों से भी शिकायत की। दबाव बढऩे पर पुलिस ने मुंबई के जोगेश्वरी निवासी जीतेन्द्र उर्फ ज्वाला प्रसाद यादव व दिवाकर यादव उर्फ लल्ला को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्या का राजफाश हुआ।
सिर पर लाठी से वार कर की थी हत्या


मामले की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक केबी झाला ने बताया कि दोनों ने डिंडोली रामीपार्क निवासी आलोक यादव के कहने पर हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देना कबूल किया। आलोक की रामफेर के साथ किसी बात को लेकर रंजिश थी। उसके कहने पर वे संदीप यादव और रामलोटन यादव के साथ मुंबई से सूरत आए तथा आलोक के घर पर ठहरे। सुबह आठ बजे प्लॉट दिखाने के बहाने रामफेर को एक कार में बिठा कर आलोक के घर ले आए। वहां पर लाठी से उसके सिर में वार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को बोरे में पैक किया और रात में शव सीवरेज लाइन में फेंक दिया।
हत्या का वीडियो भी बनाया


पुलिस सूत्रों का कहना है कि जीतेन्द्र से दिवाकर से पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने रामफेर की हत्या के समय मोबाइल से वीडियो भी बनाया था। पुलिस का कहना है कि घटना के संबंध में रामफेर की पत्नी मदीना गौतम की प्राथमिकी के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर जीतेन्द्र और दिवाकर को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।
इनके एक अन्य साथी को उत्तरप्रदेश से पकड़ा गया है उसे एक टीम लेकर सूरत के लिए रवाना हो गई है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस मामले में श्यामलाल की भूमिका स्पष्ट नहीं की है। वहीं, परिजन उसे ही मुख्य अभियुक्त बता रहे हंै। उनका आरोप है कि श्यामलाल ने ही पांच लाख रुपए में आलोक को रामफेर की हत्या की सुपारी दी थी।

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