शहर के सभी वार्डों में घर-घर गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए हरा व नीले रंग के डस्टबीन दिए गए हैं। नगर परिषद अध्यक्ष राकेशसिंह चौहान ने बताया कि स्वच्छ भारत के अंतर्गत लोगों से कूड़ेदान देकर प्लास्टिक, कागज, पन्नी, फटे कपड़े, टूटे कांच उपकरणों के वेस्ट, अखबार, पिज्जा बॉक्स, दूध-दही के पैकेट्स, जार, बोतलें, रबर, थर्माकोल, ब्रश, सौन्दर्य प्रसाधन मिट्टी, नारियल के कवच आदि नीले कुड़ेदान में तथा भोजन, सब्जी, फल, छिलके, चिकन, मछली, गिरे हुए पत्ते, छड़ी, पूजा के फूल, घास जैसे गीले अपशिष्ट हरे कूड़ेदान में रखे जाने की बात कही गई है। प्रत्येक वार्ड में लोगों के घर-घर तक कचरा ढोने वाले वाहन की व्यवस्था की हैं। वाहन में गीला व सूखा कचरा अलग अलग रखने की व्यवस्था है। गीला कचरा अलग होने से प्राकृतिक खाद बनाई जा सकती है। सिलवासा नगरपरिषद लोगों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। स्वच्छता अभियान के तहत नगर परिषद ने घर-घर से कचरा उठाने के लिए कुल 15 वाहन लगे है। कचरा उठाने वाली गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है, जिससे कार्यशैली में सुधार हुआ है। शहर में रोजाना 50 टन कचरे का उत्पादन होता है। यह कचरा खरड़पाड़ा गांव में डेस्ट्रॉय किया जाता है। गीला कचरा से कम्पोस्ट व प्राकृतिक खाद बनाई जा सकती है। सूखा व गीला कचरा मिश्रित होने से कूड़ा-करकट से प्रदूषण बढ़ रहा है।