पकड़े जाने पर जुर्माना
सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) का कारोबार दंडनीय श्रेणी में आ गया है। एसएमसी के अधिकारी मौलिक दवे ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के पकड़े जाने पर पहली बार 100 रुपए, इसके बाद 5000 रुपए तक दंड वसूला जा सकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को पकडऩे के लिए सिलवासा नगर परिषद ने बाकायदा टीम गठित कर दी है।
उद्योगों में उपयोग:-प्लास्टिक प्रतिबंध कानून के उपरांत बाजार, दुकान एवं घरों में पतली प्लास्टिक के उपयोग पर काफी हद तक अंकुश लगा है, परंतु औद्योगिक इकाइयों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग जारी है। उद्योगों में तैयार माल, रखरखाव के सामान एवं पैंकिग मैटेरियल में पतली प्लास्टिक की थैलियां प्रयोग हो रही हैं। टैक्सटाइल व टेक्सॉराइज इंडस्ट्रीज में यार्न के कोन एवं तैयार कपड़ा पतली प्लास्टिक की थैलियों में पैंकिंग किया जाता हैं। प्लास्टिक, बर्तन, कांच के उपकरण, इलेक्ट्रिक सामान, केमिकल की फैक्ट्रियों में पैकिंग प्लास्टिक की थैलियों में हो रहा है। प्रोसेसिंग व मैन्यूफैक्चिरिंग के लिए आने वाला रॉ-मैटेरियल भी प्लास्टिक की थैलियों में बंधा रहता है। प्लास्टिक कचरा बेहद जटिल होता है जो कभी नष्ट नहीं होता। डॉ. प्रताप मून ने बताया कि आज हमारे फल, सब्जियां, बच्चों के दूध की बोतलें, कोल्ड ड्रिंक की पैकिंग एवं अन्य खाद्य पदार्थ पूरी तरह प्लास्टिक पर निर्भर हो गया है। समय के साथ इन प्लास्टिक वस्तुओं से बिसफिनोल रिसने लगता है जिसका अंश हमारे शरीर में पहुंच जाता है। प्लास्टिक कचरा को रोकने के लिए सभी को उत्तरदायित्व निभाना है।
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अतुल शाह, सचिव, सिलवासा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन