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SURAT NEWS: जानिए कहां हरीतिमा से खिल उठी धरा

locationसूरतPublished: Jul 16, 2019 10:13:49 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

पर्यटकों को लुभा रहा संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली का प्राकृतिक सौन्दर्य पहाडिय़ों पर वाटरफॉल दिखाई देने लगे

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SURAT NEWS: जानिए कहां हरीतिमा से खिल उठी धरा

सिलवासा. जुलाई के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश के कारण दादरा नगर हवेली की धरा हरियाली से रंग गई है। खानवेल से सिंदोनी और कौंचा तक खेत, जंगल, पहाडिय़ां हरीतिमा से खिल उठी हैं। लुहारी, सतमालिया हिरण्य अभयारण्य के पेड़ कोमल पत्तियों से लद गए हैं। अभयारण्य की धरा हरी घास से शोभायमान हो गई है।
मानसून में जंगलों में लम्बे घने पेड़, ऊंची-नीची चट्टानें, झरने, गुफाएं, तालाब, नदी, नालों के बीच बसी प्रकृति की अनोखी छटा देखने को मिल रही है। हरे भरे घने वृक्षों के बीच पहाडिय़ां, पक्षियों के कलरव, दौड़ते हिरण, बहते नदी नाले मानसून में अत्यत शोभायमान हो गए हैं। प्रदेश का 40 प्रतिशत भूभाग जंगलों के लिए आरक्षित है। बारिश होते ही जंगलों ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। पर्वतीय स्थलों में सांभर, हिरण, चौसिंगा, नीलगाय, जंगली लोमड़ी, चीतल, खरगोश, मोर, जंगली बिल्ली, अजगर जैसे जीव निवास करते हैं। खानवेल मुख्य मार्ग पर दपाड़ा गांव में स्थित सतमालिया की भव्यता लुभाने लगी है। इसमें बने तालाब पानी से लबाबल भर गए हैं, एवं नाले व झरने सुशोभित हो गए हैं।

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पहाडिय़ों पर वाटरफॉल शुरू
अच्छी बारिश के कारण पहाडिय़ों पर वाटरफॉल दिखाई देने लगे हैं। मांदोनी, सिंदोनी व उमरकुई के पहाडिय़ों पर डबल, त्रिपल जलप्रपात से प्रकृति की सुन्दरता को चार चांद लग गए हैं। सिंदोनी के बेडपा चौकीपाड़ा के जंगल में सिंगल वाटरफॉल, खेड़पा हाथीपाड़ा वेटॉल में त्रिपल वाटरफॉल दूर से दिखाई देते है। वाटरफाल से दानह का कुदरती सौन्दर्य बढ़ा है। पर्यटन विभाग ने वाटरफॉल को विकसित करने की योजना बनाई है। पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि वाटरफॉल के साथ उमरकुई डुंगरपाड़ा तक वाघोनिया में मानसून ट्रेक बनाया जाएगा। सैलानियों के भ्रमण के लिए यह ट्रेक करीब दो किमी लम्बा होगा। मानसून में पिकनिक बनाने वालों के लिए यह रमणीय स्थल होगा।
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तीन दिन से बारिश बंद

कुछ दिन बरसने के बाद अब मानसून ने करवट बदल ली है। आसमान में छाए गहरे बादल कमजोर पड़ गए हैं। प्रदेश में पिछले तीन दिन से बारिश बंद है। पानी की आवक कम होने से मधुबन डेम के कपाट बंद कर दिए हैं। डेम का जलस्तर 72 मीटर चल रहा है। प्रदेश में कुल बारिश 1269.2 मिमी हो चुकी है, जो मानसून का 51 प्रतिशत है। पहली जुलाई से 7 जुलाई तक बादल जमकर बरसे।
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पर्वतीय क्षेत्रों में खरीफ की फसल के लिए रोजाना पानी चाहिए

मूसलाधार बारिश के दौरान प्रदेश के नदी, नाले, जलाशय, झरने, चेकडेम लबालब भर गए हैं। पर्वतीय स्थलों के झरने सुशोभित हो गए हैं। चौड़ा, बिन्द्रबीन, दपाड़ा, अथाल में पानी की चादर चल रही है। किसानों के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में खरीफ की फसल के लिए रोजाना पानी चाहिए।
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