पहाडिय़ों पर वाटरफॉल शुरू
अच्छी बारिश के कारण पहाडिय़ों पर वाटरफॉल दिखाई देने लगे हैं। मांदोनी, सिंदोनी व उमरकुई के पहाडिय़ों पर डबल, त्रिपल जलप्रपात से प्रकृति की सुन्दरता को चार चांद लग गए हैं। सिंदोनी के बेडपा चौकीपाड़ा के जंगल में सिंगल वाटरफॉल, खेड़पा हाथीपाड़ा वेटॉल में त्रिपल वाटरफॉल दूर से दिखाई देते है। वाटरफाल से दानह का कुदरती सौन्दर्य बढ़ा है। पर्यटन विभाग ने वाटरफॉल को विकसित करने की योजना बनाई है। पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि वाटरफॉल के साथ उमरकुई डुंगरपाड़ा तक वाघोनिया में मानसून ट्रेक बनाया जाएगा। सैलानियों के भ्रमण के लिए यह ट्रेक करीब दो किमी लम्बा होगा। मानसून में पिकनिक बनाने वालों के लिए यह रमणीय स्थल होगा।
अच्छी बारिश के कारण पहाडिय़ों पर वाटरफॉल दिखाई देने लगे हैं। मांदोनी, सिंदोनी व उमरकुई के पहाडिय़ों पर डबल, त्रिपल जलप्रपात से प्रकृति की सुन्दरता को चार चांद लग गए हैं। सिंदोनी के बेडपा चौकीपाड़ा के जंगल में सिंगल वाटरफॉल, खेड़पा हाथीपाड़ा वेटॉल में त्रिपल वाटरफॉल दूर से दिखाई देते है। वाटरफाल से दानह का कुदरती सौन्दर्य बढ़ा है। पर्यटन विभाग ने वाटरफॉल को विकसित करने की योजना बनाई है। पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि वाटरफॉल के साथ उमरकुई डुंगरपाड़ा तक वाघोनिया में मानसून ट्रेक बनाया जाएगा। सैलानियों के भ्रमण के लिए यह ट्रेक करीब दो किमी लम्बा होगा। मानसून में पिकनिक बनाने वालों के लिए यह रमणीय स्थल होगा।
तीन दिन से बारिश बंद कुछ दिन बरसने के बाद अब मानसून ने करवट बदल ली है। आसमान में छाए गहरे बादल कमजोर पड़ गए हैं। प्रदेश में पिछले तीन दिन से बारिश बंद है। पानी की आवक कम होने से मधुबन डेम के कपाट बंद कर दिए हैं। डेम का जलस्तर 72 मीटर चल रहा है। प्रदेश में कुल बारिश 1269.2 मिमी हो चुकी है, जो मानसून का 51 प्रतिशत है। पहली जुलाई से 7 जुलाई तक बादल जमकर बरसे।
पर्वतीय क्षेत्रों में खरीफ की फसल के लिए रोजाना पानी चाहिए मूसलाधार बारिश के दौरान प्रदेश के नदी, नाले, जलाशय, झरने, चेकडेम लबालब भर गए हैं। पर्वतीय स्थलों के झरने सुशोभित हो गए हैं। चौड़ा, बिन्द्रबीन, दपाड़ा, अथाल में पानी की चादर चल रही है। किसानों के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में खरीफ की फसल के लिए रोजाना पानी चाहिए।