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Surat News; जानिए कौन से दो संघ प्रदेश विलय के बाद हो जाएंगे एक

दानह, दमण-दीव बिल 2019 सोमवार को संसद में पेश होगाप्रशासक का पदभार उपराज्यपाल में तब्दील हो जाएगा
Danah, Daman-Diu Bill 2019 to be tabled in Parliament on MondayThe post of administrator will be turned into Lt. Governor

सूरतNov 24, 2019 / 10:54 pm

Sunil Mishra

Surat News; जानिए कौन से दो संघ प्रदेश विलय के बाद हो जाएंगे एक

Surat News; जानिए कौन से दो संघ प्रदेश विलय के बाद हो जाएंगे एक

सिलवासा. केन्द्र सरकार ने दादरा नगर हवेली और दमण-दीव को मिलाकर एक संघ प्रदेश बनाने का निर्णय कर लिया है। भाजपा सरकार के पास पर्याप्त बहुमत होने से दानह, दमण, दीव बिल 2019 पर संसद में इसी सप्ताह मोहर लग जाएगी। बिल पर केबिनेट ने पहले मंजूरी देे दी है।
इस बिल पर संसद में ज्यादा बहस की संभावना नहीं है। दोनों संघ प्रदेश एक होने से कामकाज का विस्तार बढ़ सकता है। सूत्रों के अनुसार विलय के बाद दादरा नगर हवेली, दमण और दीव तीन जिले बने रहेंगे। प्रशासक का पदभार उपराज्यपाल में तब्दील हो जाएगा। दिल्ली की तर्ज पर बाद में मिनी असेम्बली भी गठित जा सकेगी। तीनों संघ प्रदेशों की राजधानी दमण होगी, जहां सचिव स्तर के अधिकारी बैठेंगे। लोकसभा सीट यथावत रहेंगी। दोनों संघ प्रदेश एक होने से सरकारी कर्मचारियों का तबादला एक दूसरे यूटी में संभव हो सकेगा। पीसीसी, ओआईडीसी की तरह सरकारी कार्यालयों में एक रणनीति लागू हो जाएगी। दोनों प्रदेशों को भारत सरकार से मिलने वाला फंड सम्मिलित मिलेगा।
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Surat News; जानिए कौन से दो संघ प्रदेश विलय के बाद हो जाएंगे एक
दानह एवं दमण दीव बिल 2019 सोमवार को संसद में पेश होगा
दमण. जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शाषित राज्यों में विभाजित करने के बाद सरकार में एक बड़ा निर्णय लेते हुए दमण दीव और दादरा नगर हवेली को एक केन्द्र शासित प्रदेश करने जा रही है। केबिनेट मंत्री अर्जुन मेघवाल ने इसकी जानकारी दो दिन पूर्व ही दी है। 25 नवम्बर को यह बिल संसद में रखा जाएगा। इस बिल को लेकर अभी तक दोनों प्रदेश के सांसद चुप हैं । सोमवार को संसद में दोनों सांसदों पर प्रदेशवासियों की नजर रहेगी कि वह किस तरह अपने प्रदेश के हित पर काम करेंगे।

विलय मामले में प्रदेश के नेता व राजनीतिक दल फिलहाल चुप्पी साधे हुए
सिलवासा. केन्द्र सरकार के संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली व दमण-दीव के विलय बिल के मामले में प्रदेश के नेता व राजनीतिक दल फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। मोदी सरकार ने दानह व दमण-दीव को एक संघ प्रदेश बनाने के लिए गत अगस्त में केबिनेट में दादरा नगर हवेली व दमण दीव बिल 2019 को संसद में पेश करने के लिए मंजूरी दी थी।
दादरा नगर हवेली में एक जिला है, जबकि दमण और दीव में दो अलग-अलग जिले हैं। बिल पास होते ही इस केन्द्र शासित प्रदेश का नाम दानह, दमण और दीव होगा। इसके मुख्यालय के लिए केबिनेट ने दमण का प्रस्ताव रखा है। जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने के बाद 25 नवम्बर को दादरा नगर हवेली व दमण-दीव बिल 2019 को संसद में पेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव को जम्मू कश्मीर के विभाजन के तीन माह बाद लाया जा रहा है। दादरा नगर हवेली व दमण एक दूसरे से 35 किमी दूर हैं। दोनों के विलय होने से इन केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रशासन आसान हो जाएगा। एकीकरण होने से दोनों प्रदेशों में सरकारी विभाग एक सचिव के अधीन कार्यरत होंगे। यह बिल पास होने से नौकरशाही के खर्च में भारी कमी आएगी। आईएएस, आईपीएस, दानिक्स, दानिप्स अधिकारियों के पदों में भी कटौती संभव है।
सरकारी महकमे एक होने से मनमानी पर अंकुश लगेगा
दोनों प्रदेशों के सरकारी महकमे एक होने से मनमानी पर अंकुश लगेगा। दानह व दमण-दीव के एकीकरण से सरकारी महकमों के अधिकारी, कर्मचारियों का तीनों जिलों में तबादला होने लगेगा। इसको लेकर सरकारी नुमाइंदे खासे चिंतित हैं। इस विषय को लेकर चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी तक सामाजिक संगठनों से लेकर राजनेता तक सभी परेशान हैं। बहरहाल, दोनों संघ प्रदेशों के एकीकरण के विरोध में दमदार संगठन व जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया है। क्षेत्रफल में दादरा नगर हवेली और दमण-दीव में काफी बड़ा हैं। क्षेत्र विस्तार को देखे तों दादरा नगर हवेली 491, दमण व दीव 110 वर्ग किमी में बसा हुआ है। पुर्तगालियों से दानह 1954 में तथा दमण 1961 में आजाद हुआ था। सामाजिक ताने-बाने के साथ दोनों प्रदेशों की संस्कृति और सभ्यता में काफी असमानताएं हैं। साक्षरता व प्रभाव में दादरा नगर हवेली की बजाए दमण बहुत आगे हैं।
मुक्ति दिवस अलग
दादरा नगर हवेली पुर्तगालियों से 2 अगस्त 1954 को आजाद हुआ था तथा दमण-दीव 19 दिसम्बर 2061 को। दोनों प्रदेशों के मुक्ति दिवस अलग होने से संसद में मुद्दा गरमा सकता है। दादरा नगर हवेली में अनुसूचित जनजाति 43 प्रतिशत हैं जबकि दमण-दीव में 9 प्रतिशत। दादरा नगर हवेली की बात करें तो दादरा गांव पुर्तगालियों से 22 जुलाई 1954 को आजाद हुआ था, तथा नगर हवेली 2 अगस्त 1954 को। बाद में दोनों को मिलाकर दो अगस्त को मुक्ति दिवस घोषित कर दिया। इसी तर्ज पर दोनों संघ शासित प्रदेशों का विलयकरण करके मुक्ति दिवस मनाया जा सकता है।
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