अस्थाई दीवार के कारण पानी गांव में नहीं आ पाया बताया गया है कि गत वर्ष सरकार द्वारा चार करोड़ की लागत से ऊंची संरक्षण दीवार समुद्र का पानी रोकने के लिए बनाई गई थी, लेकिन धीमे कार्य से दीवार पूरी नहीं बनी थी और गांव में पानी घुस आया था। इसके बाद प्रशासन ने संरक्षण दीवार के बाद अस्थाई तौर पर दीवार बनाई थी। हालांकि पानी संरक्षण दीवार को पार कर गया था, लेकिन उसके आगे बनी अस्थाई दीवार के कारण पानी गांव में नहीं आ पाया। दूसरी तरफ अषाढ़ी बीज पर हर साल इस तरह की स्थिति बनने के कारण इस बार जिला प्रशासन के निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी जेसीबी और पोकलैन्ड मशीनों के साथ ज्वार के समय गांव में तैनात हो गए थे। गांव के लोग भी दहशत में थे।
पानी घुसने की आशंका के चलते ग्रामीणों की थी पूर्व तैयारी
दरिया किनारे के गांव दीवादांडी माछीवाड़ के ग्रामीणों ने समुद्र में ज्वार आने के बाद गांव में पानी घुसने की आशंका के चलते बचाव का इंतजाम भी किया था। लोगों ने घर में पानी आने से रोकने के लिए दरवाजे के सामने रेत से भरी बोरियां रख दी थी। शुक्रवार को भी समु्द्र में ऊंची लहर उठने की आशंका से ग्रामीणों की दहशत पूरी तरह दूर नहीं है।
दरिया किनारे के गांव दीवादांडी माछीवाड़ के ग्रामीणों ने समुद्र में ज्वार आने के बाद गांव में पानी घुसने की आशंका के चलते बचाव का इंतजाम भी किया था। लोगों ने घर में पानी आने से रोकने के लिए दरवाजे के सामने रेत से भरी बोरियां रख दी थी। शुक्रवार को भी समु्द्र में ऊंची लहर उठने की आशंका से ग्रामीणों की दहशत पूरी तरह दूर नहीं है।