जानकारों के मुताबिक शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए आम आदमी को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। केवल सरकारी मशीनरी के भरोसे हम सिर्फ गंदगी फैलाते रहें तो स्वच्छ सूरत का सपना कभी सफल होने वाला नहीं। उनके मुताबिक मनपा प्रशासन को भी कंटेनर हटाने से पहले लोगों में जागरुकता के लिए अभियान चलाना चाहिए था।
इसलिए हुआ कंटेनर फ्री केंद्र सरकार हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण करा रही है। सर्वेक्षण के मानकों में शहर को कंटेनर फ्री करना भी शामिल है। इंदौर को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिला, जब इंदौर प्रशासन ने पूरे शहर से कंटेनर हटा लिए। तीसरी रैंकिंग में शीर्ष दस से भी बाहर होने के बाद सूरत महानगर पालिका प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों को गंभीरता से लिया। इसीलिए शहरभर से कंटेनर हटाने की मुहिम शुरू हुई थी।
इंदौर से लेते सबक स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में इंदौर लगातार शीर्ष पर बना हुआ है। एक वक्त इंदौर में सफाई-व्यवस्था गड़बड़ाई हुई थी। कंटेनर हटाने का निर्णय इंदौर प्रशासन के लिए आसान नहीं था। उन्होंने कंटेनर हटाने से पहले तय कि बाद की परिस्थितियों से कैसे निपटा जाएगा। कंटेनर हटाने से पहले ही ऐसी व्यवस्था अमल में लाई गई कि शहर के लोगों को कचरा डालने के लिए कंटेनर तक जाना ही नहीं पड़ा। इसी वजह से वहां कंटेनर हटाने के बाद रास्तों पर कचरा नहीं दिखा।
आमजन का सहयोग जरूरी शहर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। स्वच्छ सूरत के लिए आमजन को भी सहयोग करना होगा। कंटेनर हटाने के बाद हमने निगरानी दस्ते बनाए हैं, जिनका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है। हम जल्द ही इस हालत पर काबू पा लेंगे।
एम. थेन्नारसन, आयुक्त, सूरत मनपा
एम. थेन्नारसन, आयुक्त, सूरत मनपा