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SURAT NEWS: ग्रामीणों के जज्बे को लाखों सलाम

locationसूरतPublished: Jul 11, 2019 09:52:32 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर बना दिया रास्ता बारिश के चलते गांव में भर गया था पानीबुनाटपाड़ा गांव के पास नई रेल लाइन बनने से आने-जाने का मार्ग नहीं बचा था

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SURAT NEWS: ग्रामीणों के जज्बे को लाखों सलाम

वापी. उमरगाम तहसील के बुनाटपाडा गांव के लोगों ने भारी बरसात के बाद आने जाने के लिए रास्ता न बचने पर खुद ही पानी में अस्थाई रास्ता बना दिया। भारी बरसात के बाद गांव के पास बन रही नई रेल लाइन के कारण गांव में पानी भर और आने जाने का मार्ग नहीं बचा था। शिकायत के बाद भी रेलवे या स्थानीय प्रशासन ने जब ध्यान नहीं दिया तो लोगों ने खुद ही पानी में उतरकर रास्ता बना दिया।
जानकारी के अनुसार रेलवे द्वारा फ्रेट कॉरिडोर के लिए नई रेल लाइन का काम क्षेत्र में चल रहा है। बरसात होने पर यह अधूरा काम आसपास के गांव वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पटरी बिछाने के दौरान की गई खुदाई से संजाण स्टेशन के पास बुनाटपाड़ा गांव में पानी भर गया है। कमर तक पानी भर जाने से लोगों के आने-जाने का रास्ता ही बंद हो गया और बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। इसके खिलाफ गत दिनों लोगों ने संजाण रेलवे स्टेशन मास्टर, जीईबी और उमरगाम मामलतदार को भी ज्ञापन देकर समस्या दूर करने की मांग की थी। इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों को इसके कारण पानी में होकर आना जाना पड़ता था। इस परिस्थिति से हताश होने की बजाय बुनाटपाड़ा गांव के लोगों ने मोरंग, ईंट के टुकड़े, पत्थर लाकर पानी के बीच अस्थाई रास्ता बना दिया। गांव के महिला पुरुषों ने मिलकर श्रमदान किया और अपने लिए पानी के बीच आने जाने का मार्ग तैयार कर लिया। बाद में जीआईबी के कर्मचारी भी गांव में पहुंचकर टूटे खंभे और बिजली के तारों की मरम्मत में जुट गए हैं।
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भारी बरसात में चार फीट से ज्यादा तक पानी भर गया था
बुनाटपाड़ा गांव के लोगों ने बताया कि गांव की सीमा में रेल लाइन से सटकर कई मीटर तक मिट्टी का खनन किया गया था। भारी बरसात में चार फीट से ज्यादा तक पानी भर गया था। इसमें लोगों को पानी में उतरकर आना-जाना पड़ता था। ग्रामीणों के अनुुसार शिकायत करने पर शुरू में तहसीलदार, टीडीओ समेत अन्य अधिकारियों ने यहां आकर जायजा भी लिया था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं किया। इससे लोगों ने अपने लिए खुद ही रास्ता बनाने का निर्णय किया और दो दिन में पानी में आने-जाने का रास्ता तैयार कर लिया।

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