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दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा

locationसूरतPublished: Sep 23, 2021 09:56:41 am

बच्चों को लक्ष्य साधने में मदद करेगा लक्ष्य, पुलिस कप्तान की पहल : बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें पुलिसकर्मी, उनके करियर काउंसलिंग पर हो रही कवायद

दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा

दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा

विनीत शर्मा

सूरत. दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा, मस्ती भरे मन की, भोली सी आशा, चाँद तारों को, छूने की आशाख् आसमानों में उडऩे की आशा। एक गीत की यह पंक्तियां हर उस युवा मन की अभिव्यक्ति हैं जो सबकुछ पा लेना चाहता है। उसकी इन हसरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है कि समय रहते काउसलिंग कर भविष्य की राह दिखाई जाए। पुलिस कप्तान ने अपने स्टाफ के बच्चों की करियर काउंसलिंग की कवायद शुरू की है। इसका मकसद परिवार के युवा हो रहे बच्चों को बेहतर राह दिखाने के साथ ही पुलिसकर्मियों को बच्चों के भविष्य के प्रति निश्चिंत करना है। देशभर में संभवतया यह पहला अवसर है जब किसी पुलिस कप्तान ने अपने स्टाफ के बच्चों के लिए इस तरह की पहल की है।
पुलिसकर्मियों की सबसे बड़ी चिंता अपने बच्चों के लिए सही करियर तलाश करना है। अपनी ड्यूटी के व्यस्त शिड्यूल में उन्हें इतना समय भी नहीं मिलता कि परिवार के साथ सुकूनभरे पल बिता लें। ऐसे में बच्चों के भविष्य की सही और सिलसिलेवार प्लानिंग के बारे में सोच पाना भी उनके लिए सपने सरीखा है। इसके बावजूद किसी पुलिसकर्मी का बच्चा बेहतर मुकाम पर पहुंच जाए यह करिश्मे से कम नहीं होता। बच्चों के भविष्य की चिंता में हैरान-परेशान पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के साथ भी न्याय नहीं कर पाते। उनकी एक चिंता यह भी रहती है कि पिता की वर्दी के रुआब में बच्चा कहीं गलत संगत में न पड़ जाए। दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो उस पिता के समक्ष धर्मसंकट खड़ा हो जाता है कि वह अपनी ड्यूटी को अंजाम दे या फिर बच्चे के मोह में धर्म विमुख हो जाए।
पुलिसकर्मियों की इस परेशानी को समझते हुए पुलिस कप्तान अजय तोमर ने उनके बच्चों के करियर के लिए काउंसलिंग का जिम्मा उठाया है। इसके लिए लक्ष्य कार्यक्रम तय किया गया है, जिससे शहर में पुलिस स्टाफ के करीब छह हजार परिवारों के बच्चों को करियर तय करने में मदद मिलेगी। इसके लिए पुलिस कप्तान ने केलिडोस्कोप से संपर्क कर प्रोग्राम डिजाइन करने के लिए कहा है। साथ ही इस प्रोजेक्ट के लिए समन्वय बनाने को पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की है।
छोटी उम्मीदों में भरने हैं रंग

आमतौर पर अपने बच्चों को लेकर एक हैडकांस्टेबल स्तर तक के पुलिसकर्मी की उम्मीदें ज्यादा बड़ी नहीं होतीं। वह नौकरी में रहते किसी तरह से अपने बच्चे को सम्मानजनक तरीके से काम पर लगे देखना चाहता है। इन बच्चों के सपने भी ज्यादा बड़े नहीं होते। ऐसे में पुलिस कप्तान की यह कोशिश युवा मन की छोटी उम्मीदों में इंद्रधनुषी रंग भरने जैसी है।
दो सौ बच्चों ने कराया पंजीकरण

करियर काउंसलिंग के लिए अब तक दो सौ बच्चों ने पंजीकरण करा लिया है। केलिडोस्कोप ने बच्चों के करियर के लिए विभिन्न करीब 75 ऐसे क्षेत्र भी चिन्हित किए हैं, जहां बच्चों के भविष्य को संवारना आसान होगा। पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ही करियर काउंसलिंग के लिए स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
पहले भी किए हैं आयोजन

इस कार्यक्रम से जुड़े सुनील जैन ने बताया कि वे पहले भी केलिडोस्कोप के माध्यम से इस तरह के प्रयास करते रहे हैं। नर्मद लाइब्रेरी में लंबे समय तक केलिडोस्कोप के माध्यम से युवाओं की करियर काउंसलिंग के साथ ही कई दूसरी एक्टिविटीज को संचालित किया है। पुलिस प्रशासन की पहल पर अब उनके बच्चों के लिए विशेष रूप से करियर गाइडलाइन प्रोग्राम तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञों से बच्चों को करियर गाइडेंस देने के साथ ही शहर के विभिन्न उद्योगों में इंटर्नशिप कराना भी है।

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