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छात्रों को पढ़ाते-पढ़ाते इस व्याख्याता ने यह क्यां कर दिया, जो पहुंच गया सलाखों के पीछे

locationसूरतPublished: Dec 16, 2018 09:38:39 pm

उत्तर प्रदेश के व्याख्याता ने चुराया था स्पार्कल से हीरों का पैकेट, क्राइम ब्रांच पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से धर दबोचा, मुद्दामाल बरामद

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छात्रों को पढ़ाते-पढ़ाते इस व्याख्याता ने यह क्यां कर दिया, जो पहुंच गया सलाखों के पीछे

सूरत. सरसाणा में आयोजित स्पार्कल प्रदर्शनी से छह लाख रुपए के हीरों का पैकेट चुराने के मामले में क्राइम ब्रांच पुलिस ने उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी के व्याख्याता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उससे चुराए हुए हीरों का पैकेट भी बरामद कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि 14 दिसम्बर को चोरी की वारदात सामने आने के बाद से क्राइम ब्रांच पुलिस की टीम जांच में जुटी थी। अभियुक्त तक पहुंचने के लिए तकनीकी सेल की मदद ली गई थी। आखिर उसकी मदद से पुलिस अभियुक्त तक पहुंच गई। रविवार को उसे धर दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्त का नाम प्रभुनाथ वीरेन्द्रदेव मिश्रा (38) है। मूलत: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कहंजवा रोड साकेतनगर निवासी प्रभुनाथ ने सुलतानपुर की केएनआइटी से एम.टेक की पढ़ाई की है और मुरादाबाद की आइएफटी यूनिवर्सिटी में व्याख्याता है। उसके पास से स्पार्कल से चुराया छह लाख रुपए का हीरा भी बरामद कर लिया है।
गौरतलब है कि 14 दिसम्बर को स्पार्कल प्रदर्शनी के २१२ नम्बर स्टॉल से 99.13 कैरेट के हीरों का एक पैकेट चोरी हो गया था। जांच के दौरान एक युवक हीरों का पैकेट चुराते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था। पुलिस ने मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज तथा जिस मोबाइल नंबर से उस युवक ने पंजीकरण करवाया था उस नंबर के आधार पर जांच शुरू की थी।

अहमदाबाद में बहन के यहां रुका था अभियुक्त


पुलिस ने बताया कि अभियुक्त ने पूछताछ के दौरान बताया कि स्पार्कल प्रदर्शनी की जानकारी मिलने के बाद उसने कोहर इंजीनियरिंग एंड कन्ट्रक्शन प्रा.लि. के नाम से ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था। इसके बाद वह मुरादाबाद से दिल्ली और दिल्ली से अहमदाबाद आया। यहां वह अपनी बहन के यहां रुका। इसके बाद 13 दिसम्बर को सूरत पहुंचा और वरेली में अपने परिचित के घर रुका और 14 दिसम्बर को वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि अभियुक्त सूरत पहली बार आया था। उसे लगा कि उसे कोई पहचानता नहीं है, ऐेसे में चोरी कर वह फरार हो जाएगा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और ऑनलाइन पंजीकरण करवाया होने से पुलिस उस तक पहुंचने में सफल हो गई।
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