जीएसटी लागू हुए एक साल हो गया, लेकिन अभी तक वीवर्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं किया गया है। विभिन्न स्तर पर इस समस्या को उठाने के बाद वीवर्स ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रिफंड की गुहार लगाई है।
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि देश में कपड़ा उद्योग का टर्नओवर लगभग पांच लाख करोड़ रुपए है। केन्द्र सरकार को पहले इससे 10 हजार करोड़ रुपए टैक्स मिलता था। जीएसटी के बाद यह बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपए हो गया है। इसके बावजूद सरकार वीवर्स को 750 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं दे रही है। वीवर्स ने वीविंग और निटिंग में असमान टैक्स रेट से हो रहे नुकसान की जानकारी दी है। इसके अलावा कपड़ा उद्योग के छोटे लूम्स संचालकों के कारखाने बेचने की जानकारी भी दी गई है। पांडेसरा के वीवर आशीष गुजराती ने बताया कि कपड़ा उद्योग में एक्युमलेटेड टैक्स स्ट्रक्चर के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड की समस्या पैदा हुई है। इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। देश में 40 स्पिनर्स और 1000 प्रोसेसर्स को रिफंड मिल रहा है, लेकिन 6.50 लाख वीवर्स को टैक्स क्रेडिट नहीं मिल रहा है। मौजूदा हालात में एक लाख लूम्स मशीनें बिक चुकी हैं और 38 हजार बिकने की कगार पर हैं। लगभग 1.65 लाख लूम्स मशीनों पर सिर्फ एक शिफ्ट में काम हो रहा है। यदि हालात नहीं सुधरे तो सूरत का कपड़ा उद्योग बर्बाद हो जाएगा।
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि देश में कपड़ा उद्योग का टर्नओवर लगभग पांच लाख करोड़ रुपए है। केन्द्र सरकार को पहले इससे 10 हजार करोड़ रुपए टैक्स मिलता था। जीएसटी के बाद यह बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपए हो गया है। इसके बावजूद सरकार वीवर्स को 750 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं दे रही है। वीवर्स ने वीविंग और निटिंग में असमान टैक्स रेट से हो रहे नुकसान की जानकारी दी है। इसके अलावा कपड़ा उद्योग के छोटे लूम्स संचालकों के कारखाने बेचने की जानकारी भी दी गई है। पांडेसरा के वीवर आशीष गुजराती ने बताया कि कपड़ा उद्योग में एक्युमलेटेड टैक्स स्ट्रक्चर के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड की समस्या पैदा हुई है। इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। देश में 40 स्पिनर्स और 1000 प्रोसेसर्स को रिफंड मिल रहा है, लेकिन 6.50 लाख वीवर्स को टैक्स क्रेडिट नहीं मिल रहा है। मौजूदा हालात में एक लाख लूम्स मशीनें बिक चुकी हैं और 38 हजार बिकने की कगार पर हैं। लगभग 1.65 लाख लूम्स मशीनों पर सिर्फ एक शिफ्ट में काम हो रहा है। यदि हालात नहीं सुधरे तो सूरत का कपड़ा उद्योग बर्बाद हो जाएगा।
जीएसटी पर 13 जुलाई को ओपन हाउस
सूरत. जीएसटी विभाग की ओर से 13 जुलाई को ओपन हाउस का आयोजन किया गया है। इसमें व्यापारिक संगठनों से जीएसटी के कारण हो रही समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाएगा। सरसाणा में चैम्बर ऑफ कॉमर्स के इंटरनेशनल एक्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में होने वाले ओपन हाउस के दौरान दिल्ली से जीएसटी के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। वह विभिन्न व्यापारिक संगठनों के अग्रणियों से मिलेंगे और जीएसटी के बाद की परिस्थिति पर चर्चा करेंगे। मीटिंग के दौरान सूरत सेंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी के अधिकारी तथा डायरेक्टे्रट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। सूरत के कपड़़ा उद्यमी जीएसटी लागू होने के बाद लगातार व्यापार बिगडऩे की शिकायत कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि उनकी शिकायतें सुनने के लिए ओपन हाउस का आयोजन किया गया है।
सूरत. जीएसटी विभाग की ओर से 13 जुलाई को ओपन हाउस का आयोजन किया गया है। इसमें व्यापारिक संगठनों से जीएसटी के कारण हो रही समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाएगा। सरसाणा में चैम्बर ऑफ कॉमर्स के इंटरनेशनल एक्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में होने वाले ओपन हाउस के दौरान दिल्ली से जीएसटी के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। वह विभिन्न व्यापारिक संगठनों के अग्रणियों से मिलेंगे और जीएसटी के बाद की परिस्थिति पर चर्चा करेंगे। मीटिंग के दौरान सूरत सेंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी के अधिकारी तथा डायरेक्टे्रट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। सूरत के कपड़़ा उद्यमी जीएसटी लागू होने के बाद लगातार व्यापार बिगडऩे की शिकायत कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि उनकी शिकायतें सुनने के लिए ओपन हाउस का आयोजन किया गया है।