जीवन लंबा नहीं गहरा होना चाहिए
सूरतPublished: Aug 17, 2019 08:34:04 pm
राष्ट्रसंत पुलकसागर महाराज ने शनिवार सुबह प्रवचन में कहा
इत्र से नहीं चरित्र निर्माण से जीवन कल्याण
सूरत. शहर के परवत पाटिया में श्रीचंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर के पास आयोजित ज्ञानगंगा महोत्सव में राष्ट्रसंत पुलकसागर महाराज ने शनिवार सुबह प्रवचन में कहा कि जो जैसा है वैसा स्वीकार कर ले तो धरती स्वर्ग बन जाएगी। अपनी पूर्णता पर विश्वास रखने पर ही जीवन आनंदित हो सकता है। जिसके जीवन में जितना आनंद वह उतना बड़ा संत होता है। इस संसार में कोई भी पूर्ण नही है, सभी अपूर्ण है। यहां तक कि समुद्र और आकाश भी पूर्ण नहीं है। समुद्र के पास तमाम रत्न हैं लेकिन खारा होने के नाते उसका पानी पीने अथवा किसी और काम में भी उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसी तरह आकाश इतना ऊंचा है कि किसी से मिलने के लिए उसके पास सीढ़ी नहीं है। दूसरे जैसा बनने के चक्कर में जीवन को अशांत मत बनाओ। जीवन में सबका अपना-अपना रोल होता है। जिस-जिस ने भी दर्द का रास्ता चुना वह आदर्श बन गया। पग-पग पर जिंदगी में मौत दिखा करें वही जिंदगी है। जीवन ही दर्द है। बिना दर्द के हमारा जन्म भी नहीं हुआ करता है। महाराज ने कहा कि जीवन लंबा नहीं गहरा होना चाहिए। कोई 100 साल जीकर भी नहीं कर सकता वह भगतसिंह ने 23 साल की अल्पायु में कर दिखाया। जीवन में लंबाई का नहीं गहराई का महत्व हुआ करता है। 50 वर्ष की आयु में जैन मुनि तरुणसागरजी जैन धर्म को पहचान दिलाकर चले गए।