scriptलॉकडाउन में 1,262 घरों में गूंजी किलकारियां, 33 गर्भवती थी कोरोना पोजेटिव | Lockdown buzzes in 1,262 homes, 33 pregnant Corona positive | Patrika News

लॉकडाउन में 1,262 घरों में गूंजी किलकारियां, 33 गर्भवती थी कोरोना पोजेटिव

locationसूरतPublished: Jun 14, 2020 06:06:08 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

न्यू सिविल अस्पताल में 473 गंभीर गर्भवती महिलाओं ने ऑपरेशन से नवजात को दिया जन्म
चिकित्सकों ने पीपीई किट, एन-95 मास्क और फेश शिल्ड पहन करवाई डिलेवरी
 

लॉकडाउन में 1,262 घरों में गूंजी किलकारियां, 33 गर्भवती थी कोरोना पोजेटिव

लॉकडाउन में 1,262 घरों में गूंजी किलकारियां, 33 गर्भवती थी कोरोना पोजेटिव

संजीव सिंह/सूरत.

कोरोना का नाम सुनते ही लोगों दिल में घबराहट होने लगती हैं। लेकिन जब लॉकडाउन था, तब कोरोना के डर के बीच कई घरों में नवजात के जन्म होने की खुशियां भी मनाई गई। न्यू सिविल अस्पताल के गायनेक विभाग में लॉकडाउन के दौरान 1,262 नवजात का जन्म हुआ हैं। इसमें 33 गर्भवती महिलाएं कोरोना पॉजिटिव थी। चिकित्सकों की टीम ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाते हुए कोरोना पॉजिटिव 16 गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन कर डिलिवरी करवाई हैं।
कोरोना काल में ही कुछ मरीज ऐसे भी थे जिनके घर नवजात बच्चे का जन्म हुआ और खुशियां घर पहुंची। अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, लॉक डाउन शुरू होने से अनलॉक -1.0 में 11 जून तक कुल 1,262 महिलाओं की प्रसूति गायनेक विभाग के लेबर रूम में हुई हैं। इसमें 473 गंभीर केस थे। जिन्हें ऑपरेशन के साथ नवजात बच्चे का जन्म करवाया गया। सूत्रों ने बताया कि इसमें 36 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं शामिल थी। चिकित्सकों ने 16 महिलाओं को ऑपरेशन कर प्रसूति करवाई। वहीं 17 महिलाओं को नॉर्मल प्रसूति हुई हैं। जबकि तीन मामले में गर्भपात करवाया गया हैं।
न्यू सिविल अस्पताल की अधीक्षक डॉ. प्रीति कापडिय़ा ने बताया कि गायनेक विभाग में कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की प्रसूति करवाने वाले रेजिडेंट, नर्सिंग स्टाफ, आया समेत अन्य स्टाफ ने महामारी के दौरान अस्पताल के दूसरे वार्ड और कोविड-19 हॉस्पिटल में भी रोटेशन से काम किया हैं। अस्पताल में पीपीई, एन-95 मास्क, फेस शिल्ड समेत अन्य सभी सुरक्षा उपाय किए। शुरुआती दौर में जब संदिग्ध कोरोना मरीजों का आना शुरू हुआ था तब गायनेक विभाग की दो रेजिडेंट डॉक्टर को संक्रमण हुआ था। वे दोनों रेजिडेंट अब स्वस्थ हैं।

रेड जोन से आई 33 पॉजिटिव

कोरोना की रोकथाम के लिए शहर को कलस्टर और नॉन कलस्टर एरिया में विभाजित किया हैं। इसमें पांडेसरा व अमरोली क्षेत्र से दो कोरोना पॉजिटिव महिला प्रसूति के लिए आई थी। उधना से दो, पांडेसरा से चार, डुंभाल से एक, लिम्बायत से नौ, वेडरोड से दो, भाठेना, बेगमपुरा, डिंडोली से एक-एक पॉजिटिव महिलाएं आई थी। जून में लिम्बायत से दो, उधना, भाठेना, पांडेसरा से एक-एक समेत दस पॉजिटिव की प्रसूति हुई हैं।

स्टाफ के संक्रमित होने की आशंका अधिक

न्यू सिविल अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल घोषित करने के बाद कई मरीजों को स्मीमेर अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लेकिन गायनेक विभाग में आने वाली महिलाएं दूसरे अस्पताल की व्यवस्था से अनजान होने के चलते जाना नहीं चाहती थी। एक गर्भवती महिला के साथ मेडिकल स्टाफ को आठ से दस घंटे समय बिताना होता है। जिसके चलते संक्रमण की आशंका रहती थी। शुरुआत में दो डॉक्टर पॉजिटिव भी आए थे। इसके बावजूद रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ ने तालमेल के साथ जिम्मेदारी निभाई।

तीन लेबर रूम में करवाते थे प्रसूति

ये पता था कि गायनेक ओपीडी में आने वाली महिलाएं लॉकडाउन में प्रसूति के लिए आएगी ही। इसके लिए पूर्व तैयारी की गई थी। लॉक डाउन में 33 कोरोना पॉजिटिव की प्रसूति हुई हैं। कोरोना संदिग्ध व पॉजिटिव के लिए अलग लेबर रूम व स्पेशल रूम तैयार किए थे। प्रोफेसर, रेजिडेंट, नर्सिंग स्टाफ, आया समेत सभी ने टीम वर्क किया।
-डॉ. रागिनी वर्मा, प्रमुख, गायनेक विभाग, न्यू सिविल अस्पताल, सूरत।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो