रेड जोन से आई 33 पॉजिटिव कोरोना की रोकथाम के लिए शहर को कलस्टर और नॉन कलस्टर एरिया में विभाजित किया हैं। इसमें पांडेसरा व अमरोली क्षेत्र से दो कोरोना पॉजिटिव महिला प्रसूति के लिए आई थी। उधना से दो, पांडेसरा से चार, डुंभाल से एक, लिम्बायत से नौ, वेडरोड से दो, भाठेना, बेगमपुरा, डिंडोली से एक-एक पॉजिटिव महिलाएं आई थी। जून में लिम्बायत से दो, उधना, भाठेना, पांडेसरा से एक-एक समेत दस पॉजिटिव की प्रसूति हुई हैं।
स्टाफ के संक्रमित होने की आशंका अधिक न्यू सिविल अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल घोषित करने के बाद कई मरीजों को स्मीमेर अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लेकिन गायनेक विभाग में आने वाली महिलाएं दूसरे अस्पताल की व्यवस्था से अनजान होने के चलते जाना नहीं चाहती थी। एक गर्भवती महिला के साथ मेडिकल स्टाफ को आठ से दस घंटे समय बिताना होता है। जिसके चलते संक्रमण की आशंका रहती थी। शुरुआत में दो डॉक्टर पॉजिटिव भी आए थे। इसके बावजूद रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ ने तालमेल के साथ जिम्मेदारी निभाई।
तीन लेबर रूम में करवाते थे प्रसूति ये पता था कि गायनेक ओपीडी में आने वाली महिलाएं लॉकडाउन में प्रसूति के लिए आएगी ही। इसके लिए पूर्व तैयारी की गई थी। लॉक डाउन में 33 कोरोना पॉजिटिव की प्रसूति हुई हैं। कोरोना संदिग्ध व पॉजिटिव के लिए अलग लेबर रूम व स्पेशल रूम तैयार किए थे। प्रोफेसर, रेजिडेंट, नर्सिंग स्टाफ, आया समेत सभी ने टीम वर्क किया।