पुलिस के अनुसार जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच पैंतीस बंदियों को अदालत परिसर स्थित हवालात लाया गया था। सभी की विभिन्न मामलों में कोर्ट में पेशी थी।
पुलिस कुछ दूर खड़ी हो गई
बंदियों को हवालात में डालने के बाद पुलिस कुछ दूर खड़ी हो गई। बंदियों के कपड़े हवालात में बाहर ही रखे हुए थे। इस बीच, एक ही बैरिक में बंद श्रवण पुत्र भंवरलाल व श्याम चोटिया पुत्र गंगाराम दूसरे पक्ष के बंदी अशोक पुत्र भल्लाराम से उलझ गए और झगड़ा करने लगे।
दूसरे बैरिक में डाल दिया
हो-हल्ला सुनकर पुलिस वहां आई और दोनों पक्षों को अलग करके अशोक को दूसरे बैरिक में डाल दिया । कुछ देर बाद जलने की दुर्गंध आई। पुलिस हवालात के पास पहुंची तो शौचालय से धुआं आ रहा था। वहां कुछ कपड़े जलकर राख हो चुके थे।
पानी का छिड़काव पुलिस ने पानी का छिड़काव कर धुएं को बुझाया। बाद में डांट-डपटकर दोनों पक्षों को शांत कराया। अशोक का आरोप है कि दोनों ने उसके कपड़े जलाए हैं।
दूसरे कपड़े पहना कर जेल भेजा
फिलहाल यह पता नहीं लग पाया है कि आरोपियों ने कपड़े कैसे जलाए। उनके पास ज्वलनशील पदार्थ कहां से आया। बाद में बंदी अशोक को दूसरे कपड़े पहना कर जेल भेजा गया