गिरीष अपने साथियों के साथ कार से घूम कर वंधत्व निवारण की दवाएं बेचता था। वह महिलाओं को बच्चा होने की गांरटी देकर मोटी रकम ऐंठता था। शनिवार को वह फिर उन्हीं लोगों के पास पहुंचा जिन्हें उसने पहले दवा दी थी। लेकिन कोई फायदा नहींं होने के कारण लोग भडक़ गए। उसे लगा कि लोग उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर देंगे। इसलिए अपने साथियों के साथ कार में सवार हुआ और भागा। लोग उसके पीछे चिल्लाते हुए भाग रहे थे।
यह देख नानसिंह कार रोकने के लिए सामने खड़े हो गए लेकिन उसने कार नहीं रोकी। नानसिंह जान बचाने के लिए कूद कर चलती कार के बोनट पर चढ़ गए। उन्होंने कार रोकने के लिए कहा लेकिन उसने कार नहीं रोकी। करीब तीन सौ मीटर आगे जाकर नानसिंह सडक़ पर गिर गए और वे कार लेकर फरार हो गए। कार के नम्बर के आधार पर जानकारी जुटा कर महिधरपुरा पुलिस ने रविवार रात तीनों को हिरासत में ले लिया।