सूरत

मकर संक्रांति पर्व आज, मंदिरों में पूजा अर्चना

गगन में लहराएंगी पतंगें, श्रद्धालु करेंगे वस्तुओं का दान

सूरतJan 13, 2019 / 10:06 pm

Sunil Mishra

मकर संक्रांति पर्व आज, मंदिरों में पूजा अर्चना


सिलवासा. उत्तरायण हिन्दुओं का पावन पर्व है। इस पर्व पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणपति, आद्यशक्ति और खासतौर पर सूर्यदेव की आराधना-उपासना का विधान है। इस पर्व पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता, तिल, खिचड़ी आदि का दान करते हैं। मकर संक्रांति से पूर्व रविवार को श्रद्धालुओं ने महादेव मंदिर, बिन्द्राबीन रामेश्वर, गायत्री मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना की। लवाछा में पवित्र जल से स्नान के बाद शिवलिंग अभिषेक किया। यहां भक्तों की भीड़ बढ़ गई है। मंदिर में पूजा-अनुष्ठान और दान पुण्य के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
मकर संक्रांति पर पतंग, मिठाई, तिल, गुड़, कपड़े आदि सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ बढ़ गई है। लोगों ने मिठाई, बर्तन, कपड़े, अतिशबाजी, पूजा सामग्री, आभूषण खरीदे। व्यापारियों के अनुसार महंगाई का असर मकर संक्रांति पर भी है। डोरी व पतंगों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इनके दाम 20 से 25 प्रतिशत बढ़े हैं। ग्राहकी को देखते हुए व्यापारियों ने दुकानों के आगे टेंट बांधकर पूजा सामग्री, मिठाई, घरेलू उपकरण, सजावटी सामान सजा दिए हैं।
 

दो दिन मनेगा मकर संक्रांति पर्व
दमण. मकर संक्रांति को लेकर दमण जिले में चहल-पहल बढ़ गई है। पूरे देश एवं दमण जिले में पर्व दो दिन मनाया जाएगा। अधिकांश लोग 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाएंगे, वहीं उदय तिथि को देखते हुए 15 जनवरी को भी पर्व मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर गुड़ और तिल के लड्डू दान करते हैं तथा खाते भी हैं।
क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं। एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है। वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं। इनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान, दान और पुण्य का विशेष महत्त्व है।
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