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ज्वैलरी फैशन का स्टाइल स्टेटमेंट बना सफेद सोना

locationसूरतPublished: Feb 27, 2018 02:05:40 pm

सूरत में हर महीने सौ करोड़ के ज्वैलरी कारोबार में 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सफेद सोने का

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विनीत शर्मा
सूरत. सोने के रंगों में हो रहे बदलाव की बयार शहर के ज्वैलरी फैशन का स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है। सफेद सोने से बने जेवर लोगों को प्लेटिनम की आभासी चमक का एहसास करा रहे हैं, वहीं अन्य रंगों के साथ भी सोने के जेवरों में रोज नए प्रयोग हो रहे हैं। इनका ज्यादातर इस्तेमाल हीरा या अन्य रत्न जडि़त जेवरों में हो रहा है।
सोना आदिकाल से लोगों को सम्मोहित करता रहा है। पीले सोने की दमक चेहरे की आभा तो बढ़ाती ही है, व्यक्ति का विश्वास भी बढ़ जाता है। विनिमय के साथ ही निवेश के रूप में भी लोगों में सोने के प्रति आकर्षण रहा है। पिछले कुछ वर्षों से पीले सोने के रंग को लेकर प्रयोग जारी है। आम आदमी भले सोने के रंग में रंगा हो, अभिजात्य वर्ग में प्लेटिनम से बने जेवरों की मांग रही है। हीरा जडि़त प्लेटिनम के जेवर सौंदर्य को निखारने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। प्लेटिनम के प्रति लोगों के आकर्षण को देखते हुए जेवरात व्यापारियों ने सोने के पीले रंग पर सफेदी चढ़ाने की कला खोज ली। रासायनिक परिर्वतन कर पीले सोने को सफेद रंग में बदला जा रहा है और उससे बने जेवर प्लेटिनम के जेवरात की आभासी चमक देने में सफल हो रहे हैं।
लोगों में भी प्लेटिनम जैसे दिखने वाले सफेद सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा है। यही वजह है कि तेजी से शहर का ज्वैलरी बाजार सफेद सोने के बने जेवरों का हब बनता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक शहर में हर महीने सौ करोड़ रुपए का ज्वैलरी कारोबार होता है। इसमें ६० फीसदी से ज्यादा हिस्सा सफेद सोने का है। जेवरात व्यापारी प्रवीण नानावटी के मुताबिक प्लेटिनम की महंगी कीमत और सोने के दाम में उसके सफेद रंग से होड़ को देखते लोगों में सफेद सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
इंद्रधनुषी रंग में रंगने की कवायद

पीले सोने के साथ केमिकल लोचा कर इसे इंद्रधनुषी रंग में रंगने की कवायद हो रही है। सोने ने पीला रंग छोड़ा तो चॉकलेटी रंग का क्रेज लोगों में बढ़ा। सोने के रसायन में मामूली बदलाव कर हरे, नीले और गुलाबी रंग के सोने के जेवर तैयार हुए, जिन्हें एक खास वर्ग ने पसंद किया। इन रंगों के जेवरों की मांग विशिष्ट तबके में बनी हुई है।
इस तरह बदलता है रंग

सोने को पीले से सफेद करने की कवायद सबसे पहले जर्मनी में शुरू हुई थी। सोने के जेवर बनाने के लिए उसमें मिश्र धातुओं को मिलाया जाता है। सोने में अलॉय मिलाकर इसका रंग सफेद किया गया। यह फार्मूला दुनियाभर में आजमाया जाने लगा। सोने के साथ अन्य धातुओं के मिश्रण में हेर-फेर कर चॉकलेट, हरे, नीले और गुलाबी समेत अन्य रंगों के जेवर बनाए जाने लगे। जब मूड बदल जाए, केमिकल कंटेंट में बदलाव कर सोने को वापस पीले रंग में लाया जा सकता है।
विवाह के जेवर भी हुए सफेद

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विवाह के जेवर आम तौर पर पारंपरिक पीले रंग में ही बनते आए हैं। पिछले कुछ दिनों से इसमें भी आश्चर्यजनक परिवर्तन देखने को मिला है। इन दिनों तैयार हो रही वैवाहिक ज्वैलरी में करीब ५० फीसदी सफेद सोने की बन रही है। हीरा जडि़त जेवरों में सफेद सोने की मांग सबसे ज्यादा है।
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