scriptउगते सूर्य से मांगा जीवन में नया सवेरा | Manga rising from the sun, new dawn in life | Patrika News

उगते सूर्य से मांगा जीवन में नया सवेरा

locationसूरतPublished: Nov 14, 2018 07:50:01 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

चार दिवसीय छठ महापर्व उदीयमान सूर्य को अघ्र्य के साथ हुआ पूर्ण

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उगते सूर्य से मांगा जीवन में नया सवेरा

सूरत. कार्तिक शुक्ल सप्तमी बुधवार को पौ फटने से पहले ही हजारों परिवार तापी नदी के विभिन्न घाट व तालाब किनारे जमा हो गए और व्रतियों ने पानी में खड़े रहकर उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देकर जीवन में नए उदय की कामना व्यक्त करने से पहले भक्तिभाव से पूजा-आराधना की। इस दौरान घाट व अन्य पूजा स्थलों पर धार्मिक माहौल बना रहा।
छठ महापर्व की समापन वेला पर सूर्योदय की पहली किरण दिखने के साथ ही बुधवार सुबह तापी घाट व विभिन्न तालाब पर अघ्र्य अर्पण का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान श्रद्धालु व्रती तापी नदी व तालाब में दूध व जल की धार प्रवाहित करते हुए सूप व नारियल के स्पर्श के साथ विभिन्न सामग्री भगवान सूर्यदेव को समर्पित करते रहे। इस मौके पर व्रतियों के परिजन भी जल में खड़े रहकर उदीयमान सूर्य की लालिमा को निहारते हुए जीवन में नवसंचार की कामना व्यक्त करते रहे। उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रतियों ने घाट पर पूजन कर 36 घंटे के निर्जला उपवास का पारणा किया। स्वास्थ्य, सुख-समद्धि व संतान कामना के चार दिवसीय छठ महापर्व के दौरान शहर में उत्सव का माहौल रहा। खासकर बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तरप्रदेश प्रवासी बहुल क्षेत्रों में बुधवार तडक़े पांच बजे से ही चहल-पहल शुरू हो गई। श्रद्धालु वाहनों से तापी व तालाब किनारे पहुंचने लगे। घाट पर सुर्योदय वेला में व्रतियों ने निरोगी काया व जन-धन की कामना के साथ अघ्र्य देकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारणा किया और परिजनों को आशीर्वाद दिया व प्रसाद बांटा। इसके साथ ही नहाय-खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय छठ पर्व की पूर्णाहुति की गई। इससे पूर्व सुबह छह बजे तक नानपुरा में तापी नदी के नावड़ी घाट, वेडरोड पर वियर-कम-कॉजवे, जहांगीरपुरा में इस्कॉन मंदिर घाट, पार्ले पोइंट में अंबिकानिकेतन घाट, डिंडोली में श्रीछठ सरोवर, कराड़वा गांव में कराड़वा तालाब किनारे श्रद्धालुओं का हुजूम जमा हो गया। सुर्योदय के साथ ही छठी मइया के जयकारे गूंजने लगे और फिर व्रतियों ने अघ्र्य देकर पूजन किया।

सूर्यदेव ने की अठखेलियां


चार दिवसीय छठ महापर्व की पूर्णाहुति से पूर्व बुधवार सुबह आसमान में बादल छाए रहने से सुर्योदय निर्धारित समय पर नहीं हो पाया, हालांकि व्रतियों व श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव की लालिमा के साथ ही अघ्र्य अर्पण विधि शुरू कर दी। बादल छाए रहने से ज्यादातर श्रद्धालुओं ने सुबह करीब साढ़े सात बजे पूर्ण सुर्योदय के बाद ही अघ्र्य अर्पित किया। इस दौरान घाट-तालाब किनारे धार्मिक माहौल बना रहा। श्रद्धालुओं ने इस दौरान घाट पर आतिशबाजी का भी आनंद लिया।

यहां उमड़े श्रद्धालु


उगते सूर्य को अघ्र्य देने के लिए तापी नदी के जहांगीरपुरा में इस्कॉन मंदिर घाट, वेडरोड पर वियर-कम-कॉजवे, नानपुरा में नावड़ी घाट, पार्ले पोइंट पर अंबिकानिकेतन घाट, डिंडोली में श्रीछठ सरोवर, कराड़वा गांव में कराड़वा तालाब किनारे बड़ी संख्या में व्रती व अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे। इससे पूर्व मंगलवार शाम को बिहार विकास परिषद के आयोजन में सांसद दर्शना जरदोष, श्रीछठ मानव सेवा ट्रस्ट के आयोजन में विधायक संगीता पाटिल समेत अन्य कई मेहमान भी मौजूद थे।

छत पर गूंजे जयकारे


भीड़भाड़ व अधिक उम्र की वजह से कई व्रतियों ने छठ पर्व सोसायटी-अपार्टमेंट की छतों पर परिजनों के साथ मनाया। इस दौरान उनके रिश्तेदार व अन्य मेहमान भी मौजूद रहे। उगते सूर्य को अघ्र्य देने के लिए पानी से भरे बड़े भगोने में खड़े रहकर व्रतियों ने परिजनों की मदद से पूजा सामग्री श्रद्धाभाव के साथ अर्पित की और बाद में सुर्योदय होने पर अघ्र्य दिया। इसके बाद छत पर ही व्रतियों ने परिजन व अन्य लोगों को आशीर्वाद व प्रसाद बांटा।

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