कपड़ा उद्योग के सूत्रों के अनुसार सूरत के व्यापारी छह महीने से पेमेंट समय पर नहीं मिलने के कारण परेशान हैं। अन्य राज्यों के व्यापारी साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स खरीदने के बाद छह-छह महीने तक पेमेंट नहीं करते। ृइसका असर यहां के बाजार पर पड़़ा है। कपड़ा व्यापारी, वीवर्स, प्रोसेसर्स से लेकर यार्न विक्रेता तक सभी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। यदि सूरत के व्यापारी जोर देकर पेमेंट मांगते हैं तो माल वापस आ जाता है। इसलिए वह सख्ती भी नहीं कर सकते। दिवाली से पहले सूरत के कपड़ा उद्यमी बड़ी मंदी में फंस गए थे।
वीवर्स, प्रोसेसर्स और एम्ब्रॉयडरी उद्यमियों को रुपए चुकाने के लिए बैंक से ऋण लेने की नौबत आ गई थी। उन दिनों उम्मीद थी कि दिवाली के बाद अन्य राज्यों के व्यापारियों का पेमेंट आने लगेगा, लेकिन इस उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। उत्तर भारत के राज्यों के कई व्यापारियों ने गर्म कपड़ों में निवेश के कारण यहां के व्यापारियों का पेमेंट रोक दिया है। अब वह पेमेंट के लिए दो महीने का समय मांग रहे हैं।
दक्षिण भारत से पेमेंट ठीक
दक्षिण भारत के राज्यों से व्यापार ठीक है और पेमेंट भी समय पर मिल रहा है। उत्तर भारत के राज्यों में व्यापारी सर्दी के सीजन में गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं।
राजेश डोकनिया, व्यापारी
हर साल यही हालत
पिछले कई साल से सर्दी में बाजार में यही हालत रहती है। उत्तर भारत के राज्यों में व्यापारी गर्म कपड़ों के व्यापार पर ध्यान देते हैं। इससे सूरत के कुछ व्यापारियों के लिए पेमेंट की समस्या हो सकती है।
सावर प्रसाद बुधिया, प्रमुख, साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर एसोसिएशन
पेमेंट के लिए और समय मांगा
उत्तर भारत के कई व्यापारियों ने गर्म कपड़ों में निवेश कर दिया है। वह पेमेंट के लिए और समय मांग रहे हैं। हरीश मंगवानी, व्यापारी