Related story सऊदी अरब: पत्नी के साथ मक्का पहुंचे इमरान खान, सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मिले
ट्रंप के पूर्व सलाहकार का बयान, ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम इमरान के मुंह पर है जोरदार तमाचा
ट्रंप के पूर्व सलाहकार का बयान, ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम इमरान के मुंह पर है जोरदार तमाचा
न्यूयॉर्क पहुंचे पाकिस्तानी पीएम, 27 सितंबर को होगा PM मोदी-इमरान खान का आमना-सामना! सोमवार को इमरान खान और मंगलवार को पीएम मोदी से मिलेंगे ट्रंप, कश्मीर पर हो सकती है चर्चा! हाउडी मोदी: 100 मिनट तक पीएम मोदी के साथ रहेंगे ट्रंप, 30 मिनट तक देंगे भाषण
ईरान ने अमरीका को दी खुली चेतावनी, कहा- हम पर हमला करने वाले देश को ‘युद्ध का मैदान’ बना देंगे पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुरेश की पत्नी हसुमती पर
रुमला निवासी सुरेश पटेल के परिवार में बीमार पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। दो साल पहले रियाद गया सुरेश कई महीने से रुपए नहीं भेज पाया है। इसके कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुरेश की पत्नी हसुमती पर आ गई है। रिश्तेदारों की मदद से गुजारा तो हो जाता है, लेकिन बच्चों के स्कूल की फीस समेत अन्य खर्च की चिंता हमेशा लगी रहती है।
रुमला निवासी सुरेश पटेल के परिवार में बीमार पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। दो साल पहले रियाद गया सुरेश कई महीने से रुपए नहीं भेज पाया है। इसके कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुरेश की पत्नी हसुमती पर आ गई है। रिश्तेदारों की मदद से गुजारा तो हो जाता है, लेकिन बच्चों के स्कूल की फीस समेत अन्य खर्च की चिंता हमेशा लगी रहती है।
कैसे हो बच्चों की परवरिश हसुमती ने बताया कि दोनों बच्चे छोटे होने से वह बाहर काम पर नहीं जा सकती है। इसलिए यहां वहां छोटा काम या मजदूरी कर परिवार चला रही है। रिश्तेदार भी मदद कर देते हैं। हकामा कार्ड यहां के आधार कार्ड की तरह है। वह रिन्यू नहीं होने पर भारत नहीं लौट सकते हैं। उनके मेडिकल कार्ड की भी अवधि पूरी होने वाली है। यदि उससे पहले भारत नहीं लौटे तो परेशानी बढ़ जाएगी। सरकार से ही मदद की आशा बची है।
सुरेश के चचेरे भाई ने बताया कि कंपनी में कई दिनों तक खाना नहीं मिलने पर भारतीय दूतावास के प्रयासों से हाल में कैंटीन शुरू हुई है। सुरेश के साथ 80 से अधिक लोग फंसे हैं। सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर सुरेश समेत सभी भारतीयों को देश लौटने में मदद करें।
सुरेश के चचेरे भाई ने बताया कि कंपनी में कई दिनों तक खाना नहीं मिलने पर भारतीय दूतावास के प्रयासों से हाल में कैंटीन शुरू हुई है। सुरेश के साथ 80 से अधिक लोग फंसे हैं। सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर सुरेश समेत सभी भारतीयों को देश लौटने में मदद करें।
इतने लोग फंसे
इस कंपनी में चिखली के रुमला गांव का सुरेश पटेल, रानकुआ गांव का कल्पेश लाड, गणदेवी तहसील के खापरवाड़ा गांव का किरण पटेल, धकवाड़ा गांव व बिलीमोरा आईटीआई के पीछे रहने वाले अरविन्द पटेल के अलावा अमलसाड, सूरत के अनावल समेत गुजरात के अन्य शहरों के 80 से ज्यादा लोग फंसे हैं।
इस कंपनी में चिखली के रुमला गांव का सुरेश पटेल, रानकुआ गांव का कल्पेश लाड, गणदेवी तहसील के खापरवाड़ा गांव का किरण पटेल, धकवाड़ा गांव व बिलीमोरा आईटीआई के पीछे रहने वाले अरविन्द पटेल के अलावा अमलसाड, सूरत के अनावल समेत गुजरात के अन्य शहरों के 80 से ज्यादा लोग फंसे हैं।