अनलॉक 1.0 के बाद से शहर में संक्रमितों के मिलने का सिलसिला जिस तरह शुरू हुआ था, उसने लॉकडाउन के बाद शुरू हुई कारोबारी गतिविधियों के लिए खासी मुश्किल खड़ी कर दी थीं। संक्रमितों में ही 30 फीसदी से ज्यादा लोग हीरा कारखानों और दफ्तरों से जुड़े थे। जिसके बाद मनपा प्रशासन ने हीरा बाजारों और कारखानों को बंद करना शुरू किया था। स्थितियां बार-बार बिगड़ती देख पहले लॉकर एसोसिएशन और फिर मार्केट एसोसिएशनों ने भी 31 जुलाई तक सेल्फ लॉकडाउन पर जाने का निर्णय किया था।
सेल्फ लॉकडाउन की मियाद पूरी होने के बाद शनिवार को मार्केट खुले तो चहल-पहल भी दिखी। दलालों और हीरा कारोबारियों ने लॉकर ऑपरेट कर अपने हीरे निकाले भी, लेकिन खरीदार बाजार से गायब रहे। महिधरपुरा हीरा बाजार हो या वराछा मिनी बाजार स्थिति हर जगह कमोबेश एक सी रही। जानकारों के मुताबिक शनिवार को बाजार खुलने के बाद रविवार और सोमवार को राखी पर्व के कारण बाजार बंद रहेंगे। इस वजह से भी बाजार में उत्साह हल्का दिखा। माना जा रहा है कि मंगलवार से जब बाजार नियमित खुलना शुरू होगा, कारोबारी गतिविधियां भी धीरे-धीरे जोर पकड़ेंगी।
दिखेगा राहत का असर
मनपा प्रशासन ने हीरा कारखानों के लिए एक अगस्त से एसओपी में राहत दी है। पहले जहां एक घंटी पर एक ही कारीगर को बिठाया जा सकता था, अब एक घंटी पर दो कारीगर काम कर सकते हैं। इसके लिए हीरा कारखानेदार को दूसरे कारीगर का एंटी बॉडी और एंटीजन टैस्ट कराना होगा। साथ ही दोनों को मास्क पहनकर काम करना होगा। बाकी नियम-कायदे पहले जैसे ही रहेंगे।