पश्चिम रेलवे के मुम्बई रेल मंडल की अनुमति से सूरत स्टेशन के अधिकारियों ने इमरजेंसी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की है। मेटास अस्पताल को टेंडर की शर्तों के मुताबिक स्टेशन परिसर में ग्राउंड फ्लोर पर जगह मुहैया करवाई गई है। इस जगह के लिए मेटास अस्पताल १.८० लाख रुपए प्रति वर्ष रेलवे को देगा। सूरत स्टेशन पर यात्रियों के लिए राहत दर उपचार उपलब्ध होगा। ट्रेन दुर्घटना में घायलों के लिए भी रेलवे प्रशासन द्वारा चिकित्सकों को बुलाया जाता है। इमरजेंसी मेडिकल रूम से उन्हें भी तुरंत उपचार उपलब्ध हो सकेगा।
उच्च रक्तचाप, शुगर समेत छोटी-बड़ी जांच भी यहां की जा सकेगी। यह सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेगा। फार्मेसी में यात्रियों के लिए हर प्रकार की दवाई उपलब्ध होगी। सूरत स्टेशन पर पूछताछ केन्द्र के नजदीक इमरजेंसी मेडिकल रूम का निर्माण कार्य चल रहा है। ड्रेनेज लाइन बीच में आ जाने के कारण कुछ दिन काम अटक गया था। सूरत स्टेशन निदेशक सी.आर. गरूड़ा, सीएमआइ गणेश जादव और रेलवे मेडिकल सेंटर के एडिशनल चीफ मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. सी.पी. खटाउकर ने अस्थाई व्यवस्था करते हुए मेटास अस्पताल के अधिकारियों को इमरजेंसी मेडिकल कक्ष का निर्माण तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए है।
अब तक यह थी व्यवस्था
ट्रेन में किसी यात्री की तबीयत खराब होने पर रेलवे द्वारा चिकित्सक उपलब्ध कराने की सुविधा वर्षों पुरानी है, लेकिन इलाज के लिए आने वाले चिकित्सक रेलवे अस्पताल के हुआ करते हैं। उनके लिए स्टेशन परिसर में कोई कमरा निर्धारित नहीं था। चौबीस घंटे का इमरजेंसी मेडिकल रूम शुरू होने से यात्रियों को तबीयत खराब होने पर तुरंत इलाज मिल सकेगा।