सोमनाथ मंदिर में सत्संग समारोह 31 से
नवसारी. बिलीमोरा के सोमनाथ मंदिर में पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष्य में 31 मई से छह जून तक सत्संग समारोह का आयोजन किया जाएगा। सोमनाथ महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया गया कि शास्त्रों के अनुसार हर तीन साल बाद आने वाले अधिक माह सभी महीने में उत्तम है। अधिक माह अर्थात अधिक सेवा, सत्संग, कथा, किर्तन, श्रवण से अधिक आनंद व प्रभु की आराधना करने का माह है। इस माह में धार्मिक कथा के श्रवण को पुण्यकारी माना गया है। बताया गया कि इस माह में भक्तों की आंतरिक ऊर्जा को जागृत करने के उद्देश्य से 31 मई से छह जून तक सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नवसारी के स्वामीनारायण मंदिर के स्वामी, वलसाड तीथल के जैनमुनि जीनचंद्र महाराज बंधु त्रिपुटी सुखी जीवन की सीढ़ी विषय पर, भरुच ब्रह्मकुमारी राजयोगी हेतलबेन अधिक मास का महात्म्य, चारुसेट यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पंकज जोशी विज्ञान में धर्म और धर्म में विज्ञान, धरमपुर मोहनगढ़ के श्रीमद राजचंद्र मिशन के राकेशभाई और धरमपुर के भगवताचार्य पंकज व्यास श्रीमद भागवत व अधिक मास का महत्व पर विचार रखेंगे। सत्संग के अंतिम दिन बड़ौदा की ब्रह्मवादिनी गीता बा रामायण व गीता के विषय में मार्गदर्शन करेंगी।
नवसारी. बिलीमोरा के सोमनाथ मंदिर में पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष्य में 31 मई से छह जून तक सत्संग समारोह का आयोजन किया जाएगा। सोमनाथ महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया गया कि शास्त्रों के अनुसार हर तीन साल बाद आने वाले अधिक माह सभी महीने में उत्तम है। अधिक माह अर्थात अधिक सेवा, सत्संग, कथा, किर्तन, श्रवण से अधिक आनंद व प्रभु की आराधना करने का माह है। इस माह में धार्मिक कथा के श्रवण को पुण्यकारी माना गया है। बताया गया कि इस माह में भक्तों की आंतरिक ऊर्जा को जागृत करने के उद्देश्य से 31 मई से छह जून तक सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नवसारी के स्वामीनारायण मंदिर के स्वामी, वलसाड तीथल के जैनमुनि जीनचंद्र महाराज बंधु त्रिपुटी सुखी जीवन की सीढ़ी विषय पर, भरुच ब्रह्मकुमारी राजयोगी हेतलबेन अधिक मास का महात्म्य, चारुसेट यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पंकज जोशी विज्ञान में धर्म और धर्म में विज्ञान, धरमपुर मोहनगढ़ के श्रीमद राजचंद्र मिशन के राकेशभाई और धरमपुर के भगवताचार्य पंकज व्यास श्रीमद भागवत व अधिक मास का महत्व पर विचार रखेंगे। सत्संग के अंतिम दिन बड़ौदा की ब्रह्मवादिनी गीता बा रामायण व गीता के विषय में मार्गदर्शन करेंगी।