जैविक खेती का प्लान फेल
कृषि विभाग ने दपाड़ा, आंबोली तथा दुधनी के गांवों में करीब 4500 एकड़ जमीन पर जैविक खेती की शुरुआत की थी। बाद में किसानों ने जैविक खेती को नकार दिया तथा कृषि विभाग ने फसलों के लिए 100 टन यूरिया व 100 टन डीएपी खाद खरीदना पड़ा। कृषि अधिकारी सुरेश भोया ने बताया कि जैविक खेतों में रासायनिक खाद, उर्वरक या पेस्टिसाइड्स का प्रयोग नहीं किया जाता है लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं हुए। प्रारम्भ में किसान जैविक खेती के प्रति उत्साहित थे, लेकिन उत्पादन कम होने की आशंका से खेतों में उर्वरक डालने शुरू कर दिए। उर्वरक प्रयोग करने से फसलों में सिंचाई की जरूरत और बढ़ गई है। मानसून सक्रिय होते ही अच्छी पैदावार की संभावना बढ़ गई हैं।