कोरोना संक्रमण के चलते इस साल भी किसान बेरोजगार चल रहे हैं। उद्योगों में घटती नौकरियों के कारण खेती ही रोजगार का विकल्प बचा हैं। आदिवासी किसान खेत-खलिहानों की ओर रुख कर गुड़ार्ई, जुताई, मेड़ बांधने, खरपतवार हटाने आदि कार्यों में व्यस्त हो गए हैं। खेतों में घासफूस जलाकर जमीन को उपजाऊ बनाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि मानसून में खेतों की जुताई के साथ फसलों के बीज की तैयारी समय पूर्व करनी पड़ती है। मानसून के चार माह जिले में अच्छी बारिश होती है, जिससे यहां खरीफ की भरपूर पैदावार होती है। क्षेत्र में धान, मूंगफली, अरहर, नागली किसानों की पसंदीदा फसलें हैं।
दादरा नगर हवेली में मानसून अक्सर जून के द्वितीय सप्ताह में दस्तक दे देता है। गत वर्ष 2020 में 4 जून को, 2019 में 16 जून को, 2018 में 4 जून को, वर्ष 2017 में 17 जून को, वर्ष 2016 में 18 जून को, वर्ष 2015 में 12 जून को, वर्ष 2014 में 17 जून को मानसून की पहली बारिश हुई थी।
मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून के 15 जून तक दस्तक देने की उम्मीद हैं। क्षेत्र में वर्ष 2019 में पिछले 30 वर्षो में सर्वाधिक 3700 मिमी बारिश हुई थी। मुंबई में मानसून आगमन के बाद यहां पहुंचने में 36 से 48 घंटे का समय लगता हैं।