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सूरत

बढ़ती फसलों पर मानसून मेहरबान

मानसून सक्रिय होते ही तापमान में काफी गिरावट आई

सूरतAug 21, 2019 / 09:09 pm

Sunil Mishra

बढ़ती फसलों पर मानसून मेहरबान

बढ़ती फसलों पर मानसून मेहरबान

सिलवासा. पिछले पखवाड़े से सुस्त चल रहे बादल एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बुधवार सवेरे दो घंटे जोरदार बारिश हुई। बारिश से नदी नालों का जलस्तर पुन: बढऩे लगा है। खरीफ की बढ़ती फसलों के लिए बारिश किसानों के लिए खुशियां लेकर लौटी हैं। समय पर मेघ बरसने से खेतों की प्यास बुझ गई है। मानसून सक्रिय होते ही तापमान में काफी गिरावट आई है।
सप्ताहभर से मानसून सुस्त चल रहा था। बुधवार को सवेरे बारिश से सडक़ों पर ताल-तलैये बन गए। इसके बाद दिन में बादलों ने कई बार बौछारें छोड़ी। बारिश के कारण नदी नालों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। रखोली, कराड़ होते हुए अथाल में दमणगंगा पुरजोर बहने लगी है। खानवेल विस्तार के कौंचा, दुधनी, खेरड़बारी, बिलदरी, अंबाबारी, रूदाना, शेल्टी, गोरातपाड, वेलुगाम, डोलारा में जमकर वर्षा हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया। शाम तक 18 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। किसानों की मान्यता है कि मानसून में जन्माष्टमी तक अच्छी वर्षा होती है। इसके बाद मानसून की कोई गारंटी नहीं रहती है। इस बार बारिश के कारण खरीफ की फसलों को फायदा हुआ है। खेतों में फसलों के साथ पशुओं की घास भी हरी हो गई है। मानसून की बौछारों से खेतों की हरियाली रंग बिखेर रही है। दपाड़ा, नरोली, रांधा, किलवणी, आंबोली, सुरंगी अंचल में धान की अच्छी खेती है। धान की अगेती फसलों में बालियां निकल रही हैं।
बढ़ती फसलों पर मानसून मेहरबान
मधुबन डेम के 9 दरवाजे बंद कर दिए
शहर में बारिश का आंकड़ा 2573 तथा खानवेल में 2791 मिमी पार कर गया है। यह औसत बारिश से अधिक है। प्रदेश में औसत बारिश 2500 मिमी होती है। पिछले एक पखवाड़े से बादल सुस्त चल रहे थे। इससे नदी नालों का जलस्तर गिरने लगा था। मानसून कमजोर पडऩे से मधुबन डेम के 9 दरवाजे बंद कर दिए हैं। वर्तमान में पहाडिय़ों के झरनों से डेम में 6000 क्यूसेक की दर से पानी संग्रह हो रहा है। डेम का जलस्तर 76.0 मीटर पार कर गया है। मानसून सक्रिय होने से रूदाना, खानवेल, दूधनी, मांदोनी, सिंदोनी के झरने बहने लगे हैं।
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