घूमने फिरने और खाने – पीने में सूरतीयों का कोई मोल नहीं है। इसी कारण पिछले चार से पांच सालों में शहर में जगह जगह होटल – रेस्टोरेंट खुली थी। इसके अलावा शहर के पीपलोद, डूमस रोड, अठवा, पाल, अडाजन तथा वराछा क्षेत्र में 50 से अधिक फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट भी शुरू हुए थे, लेकिन कोरोना महामारी ने होटल – रेस्टोरेंट के व्यवसाय पर गंभीर चोट की है। सूरत होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रमुख सनत रेलिया ने बताया कि लॉक डाउन के बाद से होटल रेस्टोरेंट व्यवसाय उबर नहीं पाया। अब तक शहर में 30 से अधिक फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट बंद हो चुके हैं। इसके अलावा शहर में 300 से अधिक छोटे – बड़े होटल – रेस्टोरेंट कार्यरत थे। इनमें से 125 से अधिक होटल – रेस्टोरेंट अब तक शुरू ही नहीं हुए है।वहीं बचे होटल – रेस्टोरेंट भी संघर्ष के बीच अपना अस्तित्व टिकाए रखे हैं। अब रात्रि कर्फ्यू के समय में बदलाव कर रात 11 बजे से किया है, जिससे होटल – रेस्टोरेंट व्यवसायियों को थोड़ी राहत जरूर मिली हैं।
होटल – रेस्टोरेंट बंद होने की यह रही वजह
सनत रेलिया ने बताया कि ढाई महीने के लॉक डाउन में तो सबकुछ बंद था। इसके बाद अनलॉक हुआ, लेकिन पहले तो होटल – रेस्टोरेंट को अनुमति नहीं दी गई। जब दी गई तो सिर्फ पार्सल सुविधा को ही अनुमति दी गई। दीपावली के बाद जब कोरोना संक्रमण फिर एक बार बेकाबू हुआ तो सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया। रात नौ बजे से कर्फ्यू के कारण होटल – रेस्टोरेंट को नुकसान झेलना पड़ा।क्योंकि अधिकतर तर लोग डिनर के लिए ही परिवार के साथ होटल – रेस्टोरेंट में जाते हैं। वहीं कोरोना के कारण भी लोग होटल – रेस्टोरेंट में आने से परहेज़ करने लगे हैं। इसका सीधा असर होटल – रेस्टोरेंट व्यवसाय पर होने से होटल – रेस्टोरेंट संचालक व्यवसाय समेट ने लगे हैं।