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NATIONAL NEWS: रात्रि में ही करना पड़ा मछुआरे का अंतिम संस्कार

locationसूरतPublished: May 07, 2021 08:49:47 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

अमृतसर से गुरुवार रात ही मतस्य विभाग के अधिकारी अहमदाबाद के लिए हो गए थे रवाना, देर शाम कोडिनार के नानावाड़ा पहुंचा शव

NATIONAL NEWS: 42 दिन बाद पाकिस्तान से आएगी रमेश की मृतदेह

NATIONAL NEWS: 42 दिन बाद पाकिस्तान से आएगी रमेश की मृतदेह

सूरत. दो दशक में पहली बार पाकिस्तान में मृत भारतीय मछुआरे का शव वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत तक पहुंचा है। दोनों देश भारत-पाकिस्तान के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट की 42 दिन पहले मृत भारतीय मछुआरे रमेश सोया की मृतदेह की गंभीर हालत को समझते हुए की गई तत्काल कार्रवाई से शुक्रवार को यह संभव हो पाया है और रात्रि में मृतदेह गुजरात में गिरसोमनाथ जिले की कोडिऩार तहसील में नानावाड़ा गांव पहुंचने के बाद सामाजिक रीति-रिवाज की औपचारिकता पूरी करने के बाद रमेश सोया की देह का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के मुताबिक पाकिस्तान नौसेना ने दो साल पहले साधना बोट में सवार भारतीय मछुआरों को समुद्री सीमा पार के जुर्म में गिरफ्तार किया था और कराची जेल में डाल दिया था। इस दौरान कानूनी तौर पर गिरफ्तार रमेश सोया समेत अन्य मछुआरों की सजा 3 जुलाई 2019 को ही समाप्त हो गई थी, लेकिन रिहाई नहीं हो पाने की वजह से वे सभी कराची जेल में ही रहे और गत 26 मार्च को बीमारी की वजह से भारतीय मछुआरे रमेश सोया की मृत्यु हो गई थी। यह जानकारी मिलने के बाद भारत व पाकिस्तान में सक्रिय समुद्र श्रमिक सुरक्षा संघ, पीपल्स फॉरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी, पोरबंदर बोट एसोसिएशन आदि संगठनों ने इस मामले में स्थानीय सांसद, विधायक व मंत्रियों के माध्यम से भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ सम्पर्क बनाए रखा और सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी की और तब जाकर गुरुवार को रमेश सोया की मृतदेह भारत भेजने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कराची से वाघा बॉर्डर तक की प्रक्रिया पूरी की। इस दौरान वहां पहले से मौजूद गुजरात मत्स्य विभाग के दल व भारतीय इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने सभी तरह की कागजी औपचारिकताएं पूरी की और मृतदेह को शुक्रवार रात्रि तक गुजरात में गिरसोमनाथ जिले की कोडिऩार तहसील में नानावाड़ा गांव परिजनों के पास पहुंचाया गया, जहां सामाजिक रीति-रिवाज के साथ मछुआरे रमेश सोया का अंतिम संस्कार किया गया।
-अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी का भरपूर सहयोग

भारतीय मछुआरे रमेश सोया की मृतदेह लेने वाघा-अटारी बॉर्डर गए गुजरात मत्स्य विभाग के पोरबंदर में तैनात असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट परवेज जिलानी महिड़ा ने बताया कि दो दशक में पहली बार ऐसा हुआ है कि पाकिस्तान सरकार ने भारतीय मछुआरे की मृतदेह कराची वाया दुबई होकर मुंबई अथवा अहमदाबाद भेजने के बजाय वाघा बॉर्डर भेजी गई। वाघा बॉर्डर से भारतीय इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के सहयोग से शव की हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी कर अमृतसर एयरपोर्ट लाकर कार्गो व टिकट सभी तरह की प्रक्रिया अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से मात्र एक घंटे में संभव हो पाई अन्यथा इस प्रक्रिया में तीन घंटे आसानी से लग जाते हैं और तब तक अमृतसर-कोलकाता-अहमदाबाद फ्लाइट छूट जाती। इसके बाद शुक्रवार सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट से एम्बुलेंस के जरिए मृतदेह मृतक के पैतृक गांव रवाना की गई जो कि रात पौने आठ बजे तक वहां पहुंची। मृतदेह लेने गई गुजरात मत्स्य विभाग की टीम में महिड़ा के अलावा असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट तुषार जादव भी शामिल थे।

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