-यह था पूरा मामला करीब दो वर्ष पहले 5 मई 2019 को साधना नामक बोट (जीजे 25 एमएम 1734) में सवार भारतीय मछुआरे रमेशभाई टाभाभाई सोया समेत अन्य को पाकिस्तान मरीन सिक्यूरिटी एजेंसी ने सीमा पार के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया था और कराची स्थित जेल में डाल दिया था। हालांकि रमेश समेत अन्य मछुआरों की सजा कानूनी तौर पर गत 3 जुलाई 2019 को ही समाप्त हो गई थी, लेकिन रिहाई के अभाव में उन्हें कराची जेल में ही रहना पड़ा और पिछले दिनों ही 26 मार्च को भारतीय मछुआरे रमेशभाई सोसा की बीमारी की वजह से मृत्यु हो गई थी। गौरतलब है कि सजा पूरी होने के बाद भी जेल में कैद रहना और बीमारी अथवा अन्य कारणों से भारतीय मछुआरे की मृत्यु होने का यह कोई पहला-दूसरा मामला नहीं बल्कि इससे पहले भी इस तरह के कई मामले पाकिस्तान सरकार के अमानवीय रवैये की वजह से सामने आ चुके हैं।