scriptनोटबंदी के बाद बढ़े लगभग ढाई लाख करदाता | Nearly two and a half lakh taxpayers increased after taxation | Patrika News

नोटबंदी के बाद बढ़े लगभग ढाई लाख करदाता

locationसूरतPublished: Nov 07, 2018 04:32:45 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

सूरत में लगभग 17.50 लाख करदाता

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नोटबंदी के बाद बढ़े लगभग ढाई लाख करदाता


सूरत
नोटबंदी के दिनों में जिन लोगों के पास कालाधन पड़ा था, उन्हें बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। कालेधन को सफेद करने के चक्कर में उन्हें रिटर्न फाइल करना पड़ा या जो लोग रिटर्न फाइल कर रहे थे उन्हें रिटर्न में जानकारी देनी पड़ी। आयकर के सूत्रों के अनुसार नोटबंदी 8 नवंबर 2016 को लागू होने के बाद के वर्ष में ढाई लाख रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में ईजाफा हुआ है। इन दिनों है। पिछले पांच साल में सूरत में सात लाख करदाता बढ़े हैं। इसमें एक करोड़ रुपए से अधिक का रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या लगभग 1100 है। 2016 में 890, 2017 में 933 और 2018 में 1100 करोड़पति करदाता रिटर्न फाइल करते हैं।
हीरा उद्योग में नोटबंदी का असर नहीं
नोटबंदी का हीरा उद्योग पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। नोटबंदी के दिनों में भी हीरा उद्योग में कामकाज सामान्य रहा था। हीरा उद्यमियों को नोटबंदी के दिनों में श्रमिकों का वेतन चुकाने और दैनिक खर्च में जरूर तकलीफ का सामना करना पड़ा, लेकिन कपड़ा उद्योग और रियल एस्टेट सेक्टर में जिस तरह अभी तक मंदी का माहौल है, ऐसा संकट हीरा उद्यमियों को नहीं झेलनी पड़ा। हीरा उद्यमी महेन्द्र नावडिय़ा ने बताया कि हीरा उद्योग को नोटबंदी से नहीं, जीएसटी के कारण ग्रहण लग गया है। जीएसटी से पहले हीरा उद्योग में कई व्यापारी हिसाब-किताब नहीं रखते थे। जीएसटी के बाद हिसाब-किताब की दिक्कत बढ़ी है और खर्च भी बढ़ गया है। दूसरी तरफ व्यापार घटता जा रहा है।

सूरत से विमान सेवा शुरू करने के लिए किसी ने प्रस्ताव नहीं रखा
केन्द्र सरकार की ओर से शुरू की गई उडान-3 योजना में देशभर में विविध उड्डयन कंपनियों ने गुजरात के अलग-अलग शहरों से विमान सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन सूरत के विमान सेवा के लिए किसी ने उत्साह नहीं दिखाया।
मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद, भूज, राजकोट तथा पोरबंदर आदि शहरों से देश के अन्य शहरों के लिए विमान सेवा शुरू करने के लिए कंपनियों ने उत्साह दिखाया है, लेकिन सूरत से विमान शुरू करने के लिए कोई प्रस्ताव उड्ड़यन मंत्रालय में नहीं रखा गया।
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