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पांच से छह हजार जर्जरित बिल्डींग को रिडेवलप करने की जरूरत

locationसूरतPublished: May 17, 2019 09:31:18 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

चैम्बर ऑफ कॉमर्स में जर्जरीत मकानों की समस्या और हल पर सेमिनार संपन्न

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पांच से छह हजार जर्जरित बिल्डींग को रिडेवलप करने की जरूरत

सूरत
चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से शुक्रवार को शहर के जर्जरित मकानों की समस्या और हल पर सेमिनार का आयोजन किया गया। नानपुरा के समृद्धि हॉल में आयोजित सेमिनार के दौरान जानकारो ने इस समस्या पर अपने विचार व्यक्त किए।
क्रेडाइ सूरत के प्रमुख जसमत वाडिया ने कहा कि शहर के कोट क्षेत्र की बिल्डींग में रिडवेलपमेंट की समस्या है। कोर्पोरेशन की ओर से बारबार नोटिस दिया जाता है, लेकिन यह मकान गिराए नही जाते। कोई यहां रहने वाले लोगों के पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। 75 प्रतिशत निवासी तैयार हो तो रिडेवलप हो सकता है। शहर में पांच से छह हजार बिल्डींग को रिडेवलप करने की जरूरत है। हालांकि रिडेवलप के बाद नियमों के अनुसार कन्स्ट्रक्शन होने से कम जगह मिलती है लेकिन उतनी ही जगह की मांग करते हैं इस पर उन्हें भी सोचना चाहिए। स्ट्रक्चरल इंजीनियर नीलेश शाह ने बताया कि बांधकाम उद्योग खेती के बाद रोजगारी देने वाला दूसरे नंबर का उद्योग है। मकान या फ्लैट बनाया जाए तो उसमें स्टोक होल्डर के तौर पर बिल्डर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, आर्किटेक्ट और अंत में मकान में रहने वाले का समावेश होता हो। बांधकाम में सिमेन्ट और सलीये दोनो का काम एक दूसरे के विपरीत होता है। इसलिए अच्छे से अच्छे सलिया का उपयोग करना चाहिए। मनपा के सूरत शहर के टाउन डेवलपमेन्ट ओफिसर धर्मेश मिस्त्री ने बताया कि मनपा की ओर से हर साल जर्जरित बिल्डींग के निवासियों को को नोटिस देकर खाली करने का निर्देश दिया जाता है। अभी 400 जर्जरित बिल्डंीग को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा कुछ को रिडेवलप करने को कहा गया है। लोगों को उनके पहले जितनी ही जगह चाहिए। इस बारे में मनपा ने सरकार को बताया है। चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख हेतल मेहता ने बताया कि चैम्बर की ओर से शहर की अलग-अलग समस्याओं पर जनजागृती का प्रयास किया जाता है। इन दिनो शहर के समक्ष जर्जरित मकानो के रिडेवलप की समस्या है। कार्यक्रम के दौरान मनोचिकित्सक मुकुल चौकसी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर नारायण राठी और वकील मनीष गांधी उपस्थित रहे

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