पिता सचिन और मां स्वाति डॉक्टर हैं, इसलिए पहले से डॉक्टर बनने का सपना था। 10वीं में सीबीएसइ से गुजरात बोर्ड में स्थलांतरण किया, क्योंकि पहले गुजकेट से मेडिकल में प्रवेश होता था। फिर नीट अनिवार्य हो गई। बोर्ड नहीं बदला और एनसीइआरटी की किताबों को फोलो किया। नीट की परीक्षा में एनसीइआरटी से बाहर कुछ नहीं पूछा जाता है।
साहिल शाह, 15वां स्थान, नीट
मां नूतन और पिता जतिन डॉक्टर हैं। नीट सीबीएसइ की ओर से ली जाती है, इसलिए 11वीं में आते ही एनसीइआरटी किताबों को पढ़ाना शुरू कर दिया। एनसीइआरटी और नीट के पेपर सॉल्व किए। आखिर अच्छे अंकों के साथ नीट पास कर ली।
तनुज प्रेसवाला, 18वां स्थान, नीट