मेडिकल में प्रवेश के लिए हुई नीट की परीक्षा में सूरत के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर शहर का नाम रोशन किया है। नीट परीक्षा के टॉप 100 में स्थान पाने वाले और परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों का कहना है कि एनसीइआरटी की किताबें पढ़कर वह यह परीक्षा पास करने में सफल रहे।
मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट को अनिवार्य किया गया है। पहले नीट को लेकर गुजरात में फाफी हंगामा हुआ था। नीट को गुजराती में लेने की मांग हुई थी। गुजरात में गुजरात बोर्ड के विद्यार्थी ज्यादा होने से नीट के परिणाम को लेकर अभिभावक चिंतित थे। नीट का जिम्मा सीबीएसइ को सौंपा गया, इसलिए सभी बोर्ड के विद्यार्थी, जिन्हें एमबीबीएस करना है, वह सीबीएसइ की एनसीइआरटी किताबों को फोलो करने लगे। 6 मई को सीबीएसइ की ओर से ली गई नीट का परिणाम सोमवार को जारी किया गया। इस परीक्षा में गुजरात से 74,115 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था और 72,531 ने परीक्षा दी। इनमें से 32,625 विद्यार्थी ही नीट की परीक्षा पास कर पाए हैं। इनमें सूरत के साहिल शाह ने 720 में से 675 अंक हासिल किए। बायो में 360 में से 355 अंक हासिल कर उसने देश में 15वां और राज्य में पहला स्थान हासिल किया। तनुज प्रेसवाला ने भी 720 में से 675 अंक हासिल किए, लेकिन बायो में कम अंक होने के कारण उसका देश में 18वां और राज्य में दूसरा स्थान आया है। सूरत की विश्वा जीनवाला ने इंटेलीजेंट क्लासेज के संदीप मोंगा के मार्गदर्शन में 669 अंक हासिल कर देश में 40वां स्थान हासिल किया। पार्थ धामेलिया 662 अंक हासिल कर देश में 51वें स्थान पर रहा। सूरत के ज्यादातर स्कूलों का परिणाम औसत रहा है।
मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट को अनिवार्य किया गया है। पहले नीट को लेकर गुजरात में फाफी हंगामा हुआ था। नीट को गुजराती में लेने की मांग हुई थी। गुजरात में गुजरात बोर्ड के विद्यार्थी ज्यादा होने से नीट के परिणाम को लेकर अभिभावक चिंतित थे। नीट का जिम्मा सीबीएसइ को सौंपा गया, इसलिए सभी बोर्ड के विद्यार्थी, जिन्हें एमबीबीएस करना है, वह सीबीएसइ की एनसीइआरटी किताबों को फोलो करने लगे। 6 मई को सीबीएसइ की ओर से ली गई नीट का परिणाम सोमवार को जारी किया गया। इस परीक्षा में गुजरात से 74,115 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था और 72,531 ने परीक्षा दी। इनमें से 32,625 विद्यार्थी ही नीट की परीक्षा पास कर पाए हैं। इनमें सूरत के साहिल शाह ने 720 में से 675 अंक हासिल किए। बायो में 360 में से 355 अंक हासिल कर उसने देश में 15वां और राज्य में पहला स्थान हासिल किया। तनुज प्रेसवाला ने भी 720 में से 675 अंक हासिल किए, लेकिन बायो में कम अंक होने के कारण उसका देश में 18वां और राज्य में दूसरा स्थान आया है। सूरत की विश्वा जीनवाला ने इंटेलीजेंट क्लासेज के संदीप मोंगा के मार्गदर्शन में 669 अंक हासिल कर देश में 40वां स्थान हासिल किया। पार्थ धामेलिया 662 अंक हासिल कर देश में 51वें स्थान पर रहा। सूरत के ज्यादातर स्कूलों का परिणाम औसत रहा है।
एनसीइआरटी को फोलो किया
पिता सचिन और मां स्वाति डॉक्टर हैं, इसलिए पहले से डॉक्टर बनने का सपना था। 10वीं में सीबीएसइ से गुजरात बोर्ड में स्थलांतरण किया, क्योंकि पहले गुजकेट से मेडिकल में प्रवेश होता था। फिर नीट अनिवार्य हो गई। बोर्ड नहीं बदला और एनसीइआरटी की किताबों को फोलो किया। नीट की परीक्षा में एनसीइआरटी से बाहर कुछ नहीं पूछा जाता है।
साहिल शाह, 15वां स्थान, नीट
पिता सचिन और मां स्वाति डॉक्टर हैं, इसलिए पहले से डॉक्टर बनने का सपना था। 10वीं में सीबीएसइ से गुजरात बोर्ड में स्थलांतरण किया, क्योंकि पहले गुजकेट से मेडिकल में प्रवेश होता था। फिर नीट अनिवार्य हो गई। बोर्ड नहीं बदला और एनसीइआरटी की किताबों को फोलो किया। नीट की परीक्षा में एनसीइआरटी से बाहर कुछ नहीं पूछा जाता है।
साहिल शाह, 15वां स्थान, नीट
एनसीइआरटी से हो गया पास
मां नूतन और पिता जतिन डॉक्टर हैं। नीट सीबीएसइ की ओर से ली जाती है, इसलिए 11वीं में आते ही एनसीइआरटी किताबों को पढ़ाना शुरू कर दिया। एनसीइआरटी और नीट के पेपर सॉल्व किए। आखिर अच्छे अंकों के साथ नीट पास कर ली।
तनुज प्रेसवाला, 18वां स्थान, नीट
मां नूतन और पिता जतिन डॉक्टर हैं। नीट सीबीएसइ की ओर से ली जाती है, इसलिए 11वीं में आते ही एनसीइआरटी किताबों को पढ़ाना शुरू कर दिया। एनसीइआरटी और नीट के पेपर सॉल्व किए। आखिर अच्छे अंकों के साथ नीट पास कर ली।
तनुज प्रेसवाला, 18वां स्थान, नीट