scriptन्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई | New Civil Hospital: 36,572 X-rays, 1,484 CT scans and 2,472 sonography | Patrika News

न्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई

locationसूरतPublished: Jun 07, 2021 10:05:37 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– कोरोना काल में रेडियोलॉजी विभाग की अहम भूमिका…
– विभाग में 84 कर्मचारियों में 70 प्रतिशत महिला कर्मचारी
– 256 स्लाइस सीटी स्कैनर मिलने से कोरोना मरीजों की जांच का समय घटा
– संक्रमण की जांच में आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ एचआरसीटी की मुख्य भूमिका

न्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई

न्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई

सूरत.

कोरोना महामारी में संक्रमित मरीजों के इलाज में रेडियोलॉजी विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है, लेकिन शरीर में संक्रमण फैलने की जांच के लिए रेडियोडायग्नोसिस जरूरी है। न्यू सिविल अस्पताल में पहली और दूसरी लहर में 36,572 एक्स-रे, 1484 सीटी स्कैन, 2472 सोनोग्राफी की गई है। अब म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है। रेडियोलॉजी विभाग में 84 कर्मचारियों में 70 प्रतिशत महिला कर्मचारी है, जिन्होंने परिवार के साथ-साथ ड्यूटी का फर्ज भी निभाया।
दक्षिण गुजरात के सबसे बड़े सरकारी न्यू सिविल अस्पताल में राज्य का एकमात्र वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी की 256 स्लाइस सिटी स्कैनर मशीन उपलब्ध है। इससे पांच मिनट में कोरोना मरीजों का एचआरसीटी रिपोर्ट मिलता है। महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या तीन से चार गुणा बढऩे पर इलाज में चिकित्सकों को आधुनिक मशीन से राहत मिली।
न्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई
रेडियोलॉजी विभाग की अध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. पूर्वी देसाई ने बताया कि पहली लहर में मरीज बढऩे पर स्टेम सेल बिल्डिंग में रेडियोलॉजी विभाग शुरू किया। ग्राउंड फ्लोर पर 500 एमएम एक्स-रे मशीन और डिजिटल एक्स-रे की सुविधा शुरू की गई। वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए पोर्टेबल सोनोग्राफी और एक्स-रे चेस्ट मशीन की खरीदी गई। स्टेम सेल बिल्डिंग में 24 घंटे रेडियोलॉजी टैक्नीशियन, वार्डबॉय समेत टीम तैनात की गई।
डॉ. पूर्वी ने बताया कि कोरोना लक्षण वाले मरीज का आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में आता था। इस दौरान एक्स-रे, एचआरसीटी जांच के जरिए शरीर में संक्रमण का प्रतिशत पता कर इलाज शुरू किया। उन्होंने बताया कि पहली लहर में राज्य सरकार ने छह डिजिटल पोर्टेबल मशीन दिए थे। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में 36,572 एक्स-रे, 1484 सीटी स्कैन और 2472 सोनोग्राफी की गई है।

60 प्रतिशत कर्मचारी संक्रमित हुए

रेडियोलॉजी विभाग में 19 रेजिडेंट, 4 सीनियर रेजिडेंट, 9 फैकल्टी, 21 टैक्नीशियन, 8 वार्डबॉय और 4 असिस्टेंट समेत 84 कर्मचारियों का स्टाफ है। रेडियोलॉजी विभाग के 60 प्रतिशत कर्मचारी संक्रमित हुए। पहली लहर में ओल्ड सिविल बिल्डिंग में 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन से कोरोना और नॉन कोविड मरीजों की जांच की जाती थी। इसमें संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उसे सेनेटाइज करना होता था। लेकिन दूसरी लहर में 256 स्लाइस मशीन न्यू सिविल अस्पताल को मिली। जिसे किडनी बिल्डिंग में इंस्टॉल किया है। यहां 9 कर्मचारियों की नियुक्ति की। किडनी बिल्डिंग में सिर्फ कोविड और ओल्ड सिविल बिल्डिंग में नॉन कोविड मरीजों के सीटी स्कैन किए जा रहे है।
न्यू सिविल अस्पताल : कोरोना काल में 36,572 एक्स-रे, 1,484 सीटी स्कैन और 2,472 सोनोग्राफी हुई
म्यूकोरमाइकोसिस के 200 मरीजों की जांच

डॉ. वसीलम पटेल ने बताया कि कोविड के अलावा म्यूकोरमाइकोसिस के 200 मरीजों का सीटी स्कैन, 97 एमआरआई, 78 कलर डोप्लर रिपोर्ट की गई है। म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों में पीएनएस मतलब नाक से फंगस संक्रमण की शुरुआत होती है। धीरे-धीरे यह आंख और दिमाग तक पहुंच जाता है। प्रत्येक म्यूकोरमाइकोसिस मरीज के नाक, आंख और दिमाग के अलग-अलग तीन रिपोर्ट किए जाते हैं, लेकिन 256 स्लाइस मशीन में एक साथ तीनों रिपोर्ट मात्र पांच मिनट में आ जाती है। अब तक एक मरीज के तीन रिपोर्ट के तहत कुल 600 रिपोर्ट किए गए है। कोरोना पीक के दौरान रोजाना 40 से 50 एचआरसीटी रिपोर्ट किए जाते थे। अब मरीजों की संख्या घटने पर यह संख्या 8 से 10 हो गई है।
256 स्लाइस मशीन से पांच मिनट में रिपोर्ट

न्यू सिविल में 256 स्लाइस सीटी स्कैनर मशीन ने ऑलराउंडर की भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत यह मशीन मिली है। इसके जरिए हृदय की एन्जीयोग्राफी, धमनी, आंत, पेट समेत अंदरुनी सभी अंगों की जांच की जाती है। सीटी स्कैन में हड्डी, फेफड़े, ट्रोमा, सीटी स्कोर (सीटी सिवियरिटी) और लंग फाइब्रोसिस की रिपोर्ट आसानी से तुरंत मिलती है।
– डॉ. पूर्वी देसाई, प्रोफेसर/अध्यक्ष, रेडियोलॉजी, न्यू सिविल अस्पताल, सूरत।

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