गौरतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने पिछले मंगलवार को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने को 25 से 90 फीसदी तक कम करने का ऐलान किया था। नए मोटर व्हीकल एक्ट में राज्यों को कुछ जुर्माने घटाने का अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का कहना है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं है, लेकिन नए कानून को कड़ी सजा बगैर लागू करना मुमकिन नहीं है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी, जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। गुजरात सरकार ने ऐसे मामलों में जुर्माना घटाया है, जिनमें राज्य सरकार के पास उन अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है, जो स्पॉट पर ही जुर्माना लेकर व्यक्ति को जाने दे सकते हैं। इनमें सीट बेल्ट या हेलमेट नहीं पहनना, दोपहिया पर ट्रिपलिंग, स्पीडिंग, बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट गाड़ी चलाने जैसे अपराध शामिल हैं। नए एक्ट के तहत राज्य नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोडऩे पर लगने वाले जुर्माने को नहीं बदल सकते, इसलिए गुजरात में भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि सरकार ने गलत साइड गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है। इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। सरकार का मानना है कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद चल रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपए का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपए कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर गुजरात में 10,000 रुपए की जगह 1,000 रुपए, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।