माना जा रहा है कि एक्वीफर मैपिंग की रिपोर्ट पानी की जरूरत के साथ ही मनपा प्रशासन की कई अन्य जरूरतों को भी पूरा करेगी। इस रिपोर्ट के दूरगामी लाभ को देखते हुए मनपा प्रशासन ने एनजीआरआइ की टीम को सूरत बुलाया है। टीम १० सितंबर को प्रजेंटेशन देकर बताएगी कि भविष्य में पानी के अथाह भंडार के साथ ही रिपोर्ट से शहर को दूसरे क्या फायदे होंगे। इसके लिए एनजीआरआइ ने मनपा से विभिन्न विभागों के कार्यकलाप और उनकी जरूरतों की सूची मांगी है। विभिन्न विभागीय अधिकारी रिपोर्ट के मुताबिक अपनी जरूरतों पर फोकस कर रहे हैं।
मनपा प्रशासन के मुताबिक इस रिपोर्ट का बड़ा लाभ हाइड्रोलिक के साथ ही टाउन प्लाङ्क्षनग और ब्रिज सेल को मिलना तय है। ऐसे में अपनी शंकाओं को शॉर्टलिस्ट करने का फोकस भी इन दोनों विभागों पर ज्यादा है। ऐसे में दोनों ही विभागों के अधिकारी भविष्य की जरूरतों के साथ ही उन मौजूदा प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रहे हैं, जिन्हें इस रिपोर्ट के आधार पर और बेहतर बनाया जा सकता है।
आशंकाओं का जवाब देगी टीम एनजीआरआई टीम ने जो जानकारियां मांगी हैं, मनपा प्रशासन उन्हें जुटाने में लगा है। विभिन्न विभागीय अधिकारियों की आशंकाओं के आधार पर ही एनजीआरआई अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। प्रजेंटेशन के माध्यम से टीम अधिकारियों को बताएगी कि इस रिपोर्ट से और बेहतर लाभ कैसे लिया जा सकता है। हाइड्रोलिक विभाग का फोकस पानी की जरूरत पूरी करने के साथ ही तापी नदी की सेहत को सुधारने पर भी है। इस रिपोर्ट से तापी की हाइड्रोलॉजी को समझने और नदी की सेहत को सुधारने पर है।
इस तरह हुई थी शुरुआत हाइड्रोलिक टीम ने शुरुआत में एक्वीफर मैपिंग कर नदी में कैविटी स्पॉट्स को समझकर भविष्य की जरूरत के हिसाब से फ्रेंचवेल और पानी के अन्य स्रोतों को खोजने पर फोकस किया था। बाद में धीरे-धीरे साफ हुआ कि यह रिपोर्ट हाइड्रोलिक टीम के साथ ही शहर के समग्र विकास में भी सहायक होने जा रही है। एक्वीफर मैपिंग की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर मनपा का शहरी विकास विभाग नदी किनारे नए निर्माण को मंजूरी देते समय एहतियात बरत सकता है। नए हाइवे या नदी पुलों के साथ ही मगदल्ला में प्रस्तावित कोजवे और कई अन्य प्रोजेक्ट्स में भी यह रिपोर्ट मार्गदर्शक बन सकती है।
यह होंगे खास फायदे -शहर की टाउन प्लानिंग में सहायक होगी रिपोर्ट
-तापी की हाइड्रोलॉजी समझने और नदी की सेहत सुधारने में मदद मिलेगी
-मेट्रो ट्रैक की टनल का रूट तय करने में मदद मिलेगी।
-तापी पर बने पुलों के साथ ही भविष्य में बनाए जाने वाले नदी पुलों की लोकेशन तय करने में मदद मिलेगी।
-एक्वीफर मैपिंग मगदल्ला में प्रस्तावित वीयर कम कोजवे के निर्माण में सहयोगी रहेगी।
-भविष्य में कभी अकाल पड़ा तो पीने को भरपूर पानी उपलब्ध होगा।
-तापी की हाइड्रोलॉजी समझने और नदी की सेहत सुधारने में मदद मिलेगी
-मेट्रो ट्रैक की टनल का रूट तय करने में मदद मिलेगी।
-तापी पर बने पुलों के साथ ही भविष्य में बनाए जाने वाले नदी पुलों की लोकेशन तय करने में मदद मिलेगी।
-एक्वीफर मैपिंग मगदल्ला में प्रस्तावित वीयर कम कोजवे के निर्माण में सहयोगी रहेगी।
-भविष्य में कभी अकाल पड़ा तो पीने को भरपूर पानी उपलब्ध होगा।