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मूलभूत सुविधाओं को लेकर सुनी फरियाद

locationसूरतPublished: Oct 14, 2018 07:15:39 pm

कलक्टर ने वडपाडा गांव मे की रात्रि सभा

patrika

मूलभूत सुविधाओं को लेकर सुनी फरियाद

खेरगाम. तहसील के वडपाडा गांव में कलक्टर एमडी मोडिया ने रात्रि सभा कर मूलभूत सुविधाओं समेत अन्य फरियादें सुनी।

गांव के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित इस सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उपस्थित रहकर अपनी समस्याएं बताई। इस दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अब तक न मिलने, वडपाडा चार रास्ता पर सर्कल बनाने, किसानों ने महज पांच घंटे ही बिजली मिलने से सिंचाई के अभाव में फसल को नुकसान होने तथा रात में बार बार बिजली कटौती को लेकर शिकायत की।
इसके अलावा वांसदा और चिखली की तरह खेरगाम में भी दूध संजीवनी योजना शुरु करने, गांव के श्मशान की ओर जाने वाले मार्ग को जल्द से जल्द बनाने, नया पंचायत भवन बनाने, पालक योजना का लाभ गांव के लोगों को दिलाने की मांग कलक्टर से की गई।
तालुका पंचायत प्रमुख संगीता बेन ने जन्म प्रमाणपत्र बनाने में होने वाले परेशानी की जानकारी देकर उसे दूर करने का अनुरोध किया। कलक्टर ने लोगों की शिकायतों को सुनकर इसका निराकरण जल्द से जल्द लाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर मामलतदार मनीष पटेल, सरपंच चंपा बेन नायक, खेरगाम पीएसआई जिग्नेश गामित समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
सत्तापक्ष के पार्षद ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

वलसाड. नगर पालिका में सत्तापक्ष के पार्षद ही अब भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। एक पार्षद ने नपा में बिना किसी चर्चा के ही दो करोड़ रुपए का काम मंजूर करने और चार साल पहले मंजूर किए गए काम को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। यह आरोप नपा में पांच बार से भाजपा पार्षद प्रवीण कच्छी ने लगाया है। प्रवीण कच्छी के अनुसार नपा में बिना रुपए के कोई काम नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में नपा संचालित सरकारी अस्पताल में शव को रखने के लिए छह लाख रुपए के खर्च से कोल्ड स्टोरेज बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया था। चार साल से इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया नहीं की गई, जबकि नपा की गांधी लाइब्रेरी को नया बनाने के लिए 1.80 करोड़ रुपए बिना चर्चा के ही मंजूर कर लिया गया। अब उसका काम शुरु करने की तैयारी है। कच्छी ने बताया कि इन दिनों वह अस्पताल कमेटी के चेयरमैन हैं, लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पदाधिकारी अपनी जेब भरने के लिए अस्पताल के काम को नजरअंदाज कर रहे हैं।

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