सिलवासा में भी गणपति को भावभीनी विदाई
सिलवासा शहर में बुधवार को गणपति महोत्सव के सातवें दिन गौरी गणेश की सैकड़ों प्रतिमाओं को भावभीनी विदाई दी गई। अथाल दमणगंगा घाट पर विसर्जन के लिए दोपहर होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। शहर के बाविसा फलिया, पिपरिया घाट पर श्रद्धालुओं ने विघ्न विनाशक को विदाई दी। अथाल घाट पर विसर्जन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व प्रबंधन की व्यवस्था की। मूर्ति विसर्जन के लिए फायर ब्रिगेड के जवान भी मौके पर तैनात रहे। शहर के विभिन्न इलाकों से गाजे-बाजे के साथ बप्पा की 100 से अधिक सवारियां निकली।
सिलवासा शहर में बुधवार को गणपति महोत्सव के सातवें दिन गौरी गणेश की सैकड़ों प्रतिमाओं को भावभीनी विदाई दी गई। अथाल दमणगंगा घाट पर विसर्जन के लिए दोपहर होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। शहर के बाविसा फलिया, पिपरिया घाट पर श्रद्धालुओं ने विघ्न विनाशक को विदाई दी। अथाल घाट पर विसर्जन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व प्रबंधन की व्यवस्था की। मूर्ति विसर्जन के लिए फायर ब्रिगेड के जवान भी मौके पर तैनात रहे। शहर के विभिन्न इलाकों से गाजे-बाजे के साथ बप्पा की 100 से अधिक सवारियां निकली।
भजन संध्या आज
वापी. श्री खाटू श्याम प्रचार मंडल द्वारा एकादशी के उपलक्ष में गुरुवार को रामदेव मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जयपुर के करणसर स्थित निर्भय आश्रम के संत प्रह्लाद नारायण भी इस अवसर पर उपस्थित रहकर भक्तों को प्रवचन का लाभ देंगे। रात सवा आठ बजे से भजन कार्यक्रम आरंभ होगा और इस अवसर पर महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया है।
वापी. श्री खाटू श्याम प्रचार मंडल द्वारा एकादशी के उपलक्ष में गुरुवार को रामदेव मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जयपुर के करणसर स्थित निर्भय आश्रम के संत प्रह्लाद नारायण भी इस अवसर पर उपस्थित रहकर भक्तों को प्रवचन का लाभ देंगे। रात सवा आठ बजे से भजन कार्यक्रम आरंभ होगा और इस अवसर पर महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया है।
लोकदेवता तेजाजी को मनाया
सिलवासा. राजस्थान प्रवासियों ने बुधवार को लोकदेवता वीर तेजाजी का पूजन किया। तेजाजी की प्रतिमा पर गुलाब की माला पहनाकर घर के सदस्यों ने भोग लगाया एवं मन्नत मांगी। पूजा के दौरान तेजाजी के आत्म बलिदान की कथा पढ़ी गई। किसान खेती की खुशहाली के लिए तेजाजी को पूजते हैं। तेजाजी की आस्था में कई घरों में तेजाजी-पेमल की कथा पढ़ी जाती है। तेजाजी महाराज महान् वीर व अपने दिए गए वचन पर अटल थे। उन्होंने समाज सेवा एवं गोरक्षा के लिए संपूर्ण जीवन दांव पर लगा दिया। उनकी स्मृति में दशमी को राजस्थान, गुजरात एवं मध्यप्रदेश में धूमधाम से पूजा होती है। इस दिन तेजाजी शहीद हुए थे। उनकी शहादत पर पवित्र प्रसाद, दाल, बाटी, चूरमा का भोग लगाया जाता है। श्रद्धालु सर्परक्षा के लिए हाथ पर तांती बांधते हैं। महिलाओं ने घर को साफ सुथरा करके उनकी प्रतिमा पर गुलाब के फूलों की माला चढ़ाई। पूजा करके तेजाजी को शीश नवाया।
सिलवासा. राजस्थान प्रवासियों ने बुधवार को लोकदेवता वीर तेजाजी का पूजन किया। तेजाजी की प्रतिमा पर गुलाब की माला पहनाकर घर के सदस्यों ने भोग लगाया एवं मन्नत मांगी। पूजा के दौरान तेजाजी के आत्म बलिदान की कथा पढ़ी गई। किसान खेती की खुशहाली के लिए तेजाजी को पूजते हैं। तेजाजी की आस्था में कई घरों में तेजाजी-पेमल की कथा पढ़ी जाती है। तेजाजी महाराज महान् वीर व अपने दिए गए वचन पर अटल थे। उन्होंने समाज सेवा एवं गोरक्षा के लिए संपूर्ण जीवन दांव पर लगा दिया। उनकी स्मृति में दशमी को राजस्थान, गुजरात एवं मध्यप्रदेश में धूमधाम से पूजा होती है। इस दिन तेजाजी शहीद हुए थे। उनकी शहादत पर पवित्र प्रसाद, दाल, बाटी, चूरमा का भोग लगाया जाता है। श्रद्धालु सर्परक्षा के लिए हाथ पर तांती बांधते हैं। महिलाओं ने घर को साफ सुथरा करके उनकी प्रतिमा पर गुलाब के फूलों की माला चढ़ाई। पूजा करके तेजाजी को शीश नवाया।