सूरत

अधिकारियों के समझाने पर भी नहीं माने किसान

बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देने का विरोध

सूरतJul 24, 2018 / 10:12 pm

सुनील मिश्रा

अधिकारियों के समझाने पर भी नहीं माने किसान


नवसारी. गणदेवी में बुलेट ट्रेन के लिए मंगलवार को जमीन मापणी करने गए अधिकारियों को किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। समझाने पर भी नहीं मानने पर काम रोक दिया गया।
बुलेट ट्रेन परियोजना का जिले के किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। कुछ किसान बुलेट ट्रेन में जाने वाली जमीन का मुआवजा बाजार भाव से चार गुना मांग रहे हैं तो कुछ किसान किसी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इस बीच राज्य सरकार ने जमीन संपादन के लिए प्रोजेक्ट से जुड़ी एजेन्सी को साथ लेकर किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है। सरकार की ओर से मुआवजे को लेकर कोई स्पष्टता नहीं करना भी इसके लिए बड़ा कारण है।
मंगलवार को गणदेवी के इच्छापोर गांव में डीआइएलआर की टीम पुलिस बंदोबस्त के साथ जमीन की मापणी करने पहुंची थी। इसका पता लगते ही नवागाम, पिंजरा, माणेकपोर और पाथरी गांव के करीब तीन सौ से ज्यादा किसान वहां पहुंच गए। किसानों ने उग्र विरोध कर काम रुकवा दिया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रांत अधिकारी नेहा ङ्क्षसह, तहसीलदार एसडी चौधरी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने की कोशिश की। गांव के सरपंच और अग्रणी धीरेन पटेल, बलवंत पटेल, रविन्द्र पटेल, दीपक पटेल समेत अन्य किसान आक्रोशित हो गए और कहा कि बुलेट ट्रेन को लेकर विरोध नहीं है, लेकिन पहले सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। लोगों ने कहा कि जमीन के मुआवजे की रकम तय किए बिना ही संपादन के लिए जमीन की मापणी हो रही है। किसानों ने कहा कि किसकी कितनी जमीन प्रोजेक्ट में जाने वाली है, इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी। किसानों ने जमीन का मुआवजा तय करने के बाद संपादन प्रक्रिया शुरु करने को कहा। आखिरकार प्रांत अधिकारी और तहसीलदार को काम बंद करवाकर लौटना पड़ा।

विरोध के कारण नहीं हुआ काम
इच्छापोर गांव में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन मापणी के लिए डीआइएलआर के अधिकारी पहुंचे थे। वहीं, किसानों ने यह काम करने से पहले जमीन की कीमत तय करने की बात पर विरोध शुरू कर दिया। इससे काम रोकना पड़ा। अब उच्चाधिकारियों की सूचना के बाद ही काम होगा.
एसडी चौधरी, तहसीलदार गणदेवी
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