कतारगाम सिंगणपोर कोजवे रोड पंचवटी सोसायटी निवासी लक्ष्मी लखाणी (72) को 17 जुलाई को न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था। छह दिन तक चिकित्सकों ने मरीज को सिर्फ ऑक्सीजन सप्लाई पर रखा। परिजनों का आरोप है कि कोविड रैपिड टेस्ट के अलावा दूसरी कोई आरटी-पीसीआर, एक्स-रे जांच न्यू सिविल अस्पताल में नहीं की गई है। बाद में मरीज को निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अडाजन स्वामी प्रमुख अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार लक्ष्मी की मौत हो गई। नाती वंदन ने बताया कि न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती होने के तीसरे दिन उन्हें बताया गया कि नानी कहां भर्ती है।
फोन कर इंजेक्शन के रुपए लौटाए वंदन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने 19 जुलाई को ही दवाई और इंजेक्शन नि:शुल्क देने की घोषणा की थी, लेकिन न्यू सिविल अस्पताल में इंजेक्शन लेने जाने वालों से 30,870 रुपए लिए गए थे। मंगलवार को नोटिस भेजने के बाद उन्हें इंजेक्शन के लिए 30,870 रुपए लौटा दिए गए।
रैपिड टेस्ट में मरीज पॉजिटिव था मनपा के रैपिड टेस्ट के बाद फिर से टेस्ट करना अनिवार्य नहीं है। उनको मनपा कोटे के तहत निजी अस्पताल में रेफर किया गया था। जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच के लिए कमेटी बना रहे हैं। केस डिटेल निकालने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।