scriptकोरोना पोजेटिव वृद्धा की मौत के बाद अस्पताल को लापरवाही का नोटिस | Notice of negligence to the hospital after the death of Corona Positiv | Patrika News

कोरोना पोजेटिव वृद्धा की मौत के बाद अस्पताल को लापरवाही का नोटिस

locationसूरतPublished: Aug 05, 2020 10:18:40 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– परिजनों का आरोप- आरटी-पीसीआर और एक्स-रे नहीं किया, बिना बताए निजी अस्पताल में रैफर किया
– मामले की जांच के लिए बनी कमेटी, केस डिटेल खंगालने में जुटे डॉक्टर
 

कोरोना पोजेटिव वृद्धा की मौत के बाद अस्पताल को लापरवाही का नोटिस

कोरोना पोजेटिव वृद्धा की मौत के बाद अस्पताल को लापरवाही का नोटिस

सूरत.

शहर के न्यू सिविल अस्पताल से निजी अस्पताल रेफर हुए कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लीगल नोटिस देते हुए अधीक्षक को शिकायत की है। परिजनों का आरोप है कि मनपा ने रैपिड टेस्ट किया, लेकिन न्यू सिविल अस्पताल में आरटी-पीसीआर, एक्स-रे या दूसरी कोई जांच नहीं हुई और मरीज को छह दिन तक ऑक्सीजन पर भर्ती रखा। मरीज की हालत बिगड़ी तो उसे प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

कतारगाम सिंगणपोर कोजवे रोड पंचवटी सोसायटी निवासी लक्ष्मी लखाणी (72) को 17 जुलाई को न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था। छह दिन तक चिकित्सकों ने मरीज को सिर्फ ऑक्सीजन सप्लाई पर रखा। परिजनों का आरोप है कि कोविड रैपिड टेस्ट के अलावा दूसरी कोई आरटी-पीसीआर, एक्स-रे जांच न्यू सिविल अस्पताल में नहीं की गई है। बाद में मरीज को निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अडाजन स्वामी प्रमुख अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार लक्ष्मी की मौत हो गई। नाती वंदन ने बताया कि न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती होने के तीसरे दिन उन्हें बताया गया कि नानी कहां भर्ती है।
इसके बाद फोन आया कि नानी की तबीयत अच्छी है और उन्हें समरस हॉस्टल में भेज रहे हैं, लेकिन उन्हें समरस हॉस्टल भेजा ही नहीं गया था। नानी ने भी टेलिफोन पर शिकायत की थी कि सिविल में दवा नहीं देते, डॉक्टर देखने नहीं आते है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है। परिजनों ने चिकित्सकों को मरीज की तकलीफ बताई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों को बिना बताए नानी को निजी अस्पताल भेज दिया गया। यहां चिकित्सकों ने बताया कि फेफड़े में 86 प्रतिशत संक्रमण फैल गया है। परिजनों ने डॉक्टर को टोसिलिजुमाब इंजेक्शन से ठीक करने का निवेदन किया। तब चिकित्सकों ने बताया कि अब इंजेक्शन से फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन परिजनों के कहने पर टोसिलिजुमाब इंजेक्शन प्रिस्क्राइब कर दिया। कलेक्टर कार्यालय से एप्रुवल के बाद जब वह एक अगस्त को न्यू सिविल अस्पताल में इंजेक्शन लेने गए तो उन्हें 30,870 रुपए में इंजेक्शन दिया गया, लेकिन इंजेक्शन के बाद भी नानी की तबीयत में सुधार नहीं आया।

फोन कर इंजेक्शन के रुपए लौटाए

वंदन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने 19 जुलाई को ही दवाई और इंजेक्शन नि:शुल्क देने की घोषणा की थी, लेकिन न्यू सिविल अस्पताल में इंजेक्शन लेने जाने वालों से 30,870 रुपए लिए गए थे। मंगलवार को नोटिस भेजने के बाद उन्हें इंजेक्शन के लिए 30,870 रुपए लौटा दिए गए।

रैपिड टेस्ट में मरीज पॉजिटिव था

मनपा के रैपिड टेस्ट के बाद फिर से टेस्ट करना अनिवार्य नहीं है। उनको मनपा कोटे के तहत निजी अस्पताल में रेफर किया गया था। जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच के लिए कमेटी बना रहे हैं। केस डिटेल निकालने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।
– डॉ. रागिनी वर्मा, अधीक्षक, न्यू सिविल अस्पताल

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