नए सिरे से होगा सीमांकन
राज्यसरकार के नोटिफिकेशन के बाद सचिन और कनकपुर नगरपालिका व 31 गांव शहर में शामिल हुए हैं। इस सीमा विस्तार में शहर का दायरा चारों ओर से बढ़ा है। महज एक वार्ड बढ़ाने से नए शामिल हुए सभी इलाकों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा सकता। इसलिए सभी वार्डों का नए सिरे से सीमांकन होगा। दिसंबर में महानगर पालिका बोर्ड के चुनाव होने हैं। इसलिए सीमांकन भी इससे पहले ही करना होगा। मनपा प्रशासन के मुताबिक शहर में इलेक्शन वार्ड के सीमांकन का काम कलक्टर दफ्तर की ओर से किया जाएगा।यह क्षेत्र हुए हैं शामिल
नॉर्थ और पश्चिम जोन की ओर के सेगवा स्यादला, वसवारी, गोथाण, उमरा, भरथाना कोसाड शहर का हिस्सा बने हैं। उधना जोन की ओर के पारडी कणदे, तलंगपुर, पाली, उबर को शामिल किया है। डुमस की ओर विस्तार के क्रम में अकेले बचे कांदी फलिया को लिया गया है। पश्चिम जोन में हजीरा पट्टी के भाटपोर, भाठा, इच्छापोर, असारमा, भेसाण, ओखा, वनकला, विहेल और चीची को शामिल किया गया है। कामरेज की ओर मलगामा (असारमा), कठोदरा, वालक, वेलंजा, अब्रामा, भाडा, कठोड़, खडसड़ और लसकाणा अब सूरत का हिस्सा हो गए। कडोदरा की ओर सणिया हेमद, पासोदरा, कुम्भारिया और सारोली शहर की सीमा में आ गए हैं। इसके साथ ही सचिन नगर पालिका और कनसाड नगरपालिका का क्षेत्र भी सूरत में शामिल हो गया है।सबसे पहले पत्रिका ने दी थी जानकारी
राज्य सरकार ने विधानसभा 2017 के चुनाव के बाद ही सूरत शहर के सीमा विस्तार पर काम शुरू कर दिया था। राजस्थान पत्रिका ने पांच जनवरी 2018 के अंक में ‘हमारा सूरत जाएगा 500 वर्गकिमी के पार’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर पहले ही बता दिया था कि आगामी दिनों में शहर के सीमा विस्तार की कवायद शुरू होने जा रही है। उस वक्त से ही मनपा प्रशासन आंकड़े जुटाने और रिपोर्ट तैयार करने में लगा था। दूसरी कई वजहों से बीच में यह कवायद कमजोर पड़ गई थी। शहर को मेगा सिटी बनाने के लिए नए सिरे से मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की पहल की तो मनपा प्रशासन इसे लेकर गंभीर हुआ और दिसंबर 2019 में ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया।