कोरोना काल और उसमें भी लॉकडाउन के ढाई महीने तो सबकुछ थम सा गया था। कोरोना महामारी के दो सालों ने कॉर्पोरेट कंपनियों तक की चिंता बढ़ा दी थी तो छोटे व्यापारियों की हालत भी पतली हो गई थीं। सूरत में भी कई व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। दुकानों का किराया भरना तक व्यापारियों के लिए मुश्किल हो गया था। ऐसे में कइयों ने तो अपना धंधा ही समेट लिया था तो बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार भी हुए थे। इस बीच चौंकानेवाली बात यह है कि एक ओर जहां कइयों ने व्यापार बंद कर दिया तो दूसरी ओर नए व्यापारी भी मैदान में आए। सूरत सेंट्रल गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक कोरोना काल के दो वर्ष यानी वर्ष 2020-21 में 50318 और वर्ष 2021-22 में 53300 व्यापारियों ने पंजीकरण करवाया।
29 हजार पंजीकरण रद्द भी हुए
सीजीएसटी विभाग के मुताबिक कोरोना काल के दो साल में 29 हजार जीएसटी पंजीकरण रद्द हुए। वर्ष 2020-21 में 16730 और वर्ष 2021-22 में 13676 पंजीकरण रद्द हुए। हालांकि रद्द के मुकाबले नए पंजीकरण की संख्या अधिक रही।
सीजीएसटी विभाग के मुताबिक कोरोना काल के दो साल में 29 हजार जीएसटी पंजीकरण रद्द हुए। वर्ष 2020-21 में 16730 और वर्ष 2021-22 में 13676 पंजीकरण रद्द हुए। हालांकि रद्द के मुकाबले नए पंजीकरण की संख्या अधिक रही।
पंजीकरण बढ़ने की एक वजह यह भी सीजीएसटी विभाग का मानना है कि नए पंजीकरण बढ़ने की एक कोरोना काल में नौकरी छूटना भी रही। कइयों ने नौकरी छूटने के बाद दूसरी नौकरी तलाशने के बजाए खुद का व्यापार शुरू करना पसंद किया, जिससे नए व्यापारियों में बढ़ोतरी हुई।