यह हैं स्कूल वैन और ऑटो के नियम
1. स्कूल वैन और ऑटो में होनी चाहिए प्राथमिक उपचार किट
2. अनिवार्य रूप से होने चाहिए फायर सेफ्टी उपकरण
3. वाहन पर स्कूल वैन का नाम, मालिक का नाम और नंबर लिखना अनिवार्य
4. खिड़कियों पर जाली लगाना अनिवार्य, ताकि विद्यार्थी रहें सुरक्षित
5. वाहन की गति 20 कि.मी प्रति घंटे से अधिक नहीं हो
6. वाहनों में बच्चों के स्कूल बैग दाएं और बाएं दोनों तरफ नहीं लटकते होने चाहिए
7. ड्राइवर सीट पर किसी भी बच्चे को बिठाना गैरकानूनी
सिर्फ एक दिन जागने से खत्म नहीं होंगे ‘बहाने’
हादसे के बाद जागा परिवहन विभाग, 13 वाहनों को पकड़ा
सूरत जिले में छोटे-बड़े हजारों स्कूल हंै। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को लाने ले जाने वाले वाहनों की संख्या भी हजारों में हैं। ऐसे वाहनों में गिनती के वाहन ही नियमानुसार आरटीओ में पंजीकृत हैं। पैसा कमाने के लालच में स्कूल संचालक और ड्राइवर दोनों खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। अभिभावक पर आंख पर पट्टी बांधे हुए हैं। हादसे के बाद जागे आरटीओ ने जांच कार्रवाई शुरू की।
स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूल वैन, ऑटो और बस का उपयोग किया जाता है।
स्कूल में ऑटो, टैक्सी, मैक्सी व बस चलाने से पहले उसका आरटीओ में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद ही उसे स्कूल वाहन का दर्जा मिलता है। लेकिन जिले में हजारों स्कूल वाहन बिना अनुमति के दौड़ रहे हैं। सेवन्थ डे स्कूल वैन हादसे के बाद आरटीओ ने स्कूल वाहनों की जांच करना शुरू किया। शुरुआत सेवन्थ डे स्कूल की वैन से ही की गई। जांच में सामने आया कि इस वैन के मालिक ने स्कूल वैन की अनुमति ली ही नहीं है।
नहीं है परवाह
राजस्थान पत्रिका टीम ने कुछ स्कूल में पड़ताल की तो पता चला कि स्कूल की वैन, ऑटो और बस पंजीकृत हैं या नहीं, इसकी कोई भी स्कूल जांच नहीं कर रहा है।
गिनती के पंजीकृत
जिले के सभी स्कूलों में ऑटो 512, टैक्सी 61, मैक्सी 143 और बस 485 ही आरटीओ में पंजीकृत हैं और स्कूल वाहन का दर्जा प्राप्त किया है।
&नवम्बर में 16 स्कूल वाहनों को डिटेक्ट किया गया था। गुरुवार को 13 वाहनों को डिटेक्ट किया गया है। जो वाहन पंजीकृत नहीं है और नियमों का उल्लंघन कर रहे है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पी.बी.जोशी, आरटीओ