scriptसावन माह के प्रथम दिन शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु | On the first day of the month of Savan | Patrika News

सावन माह के प्रथम दिन शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु

locationसूरतPublished: Aug 12, 2018 09:06:31 pm

पूरे सावन माह तक लोग भोलेनाथ की आराधना में जुटे रहेंगे

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सावन माह के प्रथम दिन शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु

भरुच. पवित्र श्रावण माह का शुभारंभ गुजरात में रविवार से शुरू हो गया। सावन माह के प्रथम दिन विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ पूजा-अर्चना लगी रही। पूरे सावन माह तक लोग भोलेनाथ की आराधना में जुटे रहेंगे। सावन माह के प्रति सोमवार को जिले भर के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशान न हो इसके लिए मंदिर मंडल की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है। रविवार को शिवालयों में शिवभक्तों की ओर से शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेल पत्र अर्पित किया गया। वर्ष के बारह माह में भक्ति के लिए चार्तुमास को श्रेष्ठ माना जाता है और इसमें भी सावन माह को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सावन माह शिवजी का अतिप्रिय माह माना जाता है। सावन माह में सभी स्थानो पर शिव भक्ति देखने को मिलती है। हर शिवमंदिर बोल बम के नारे से गूंज उठते हैं। सावन माह की शुरुआत होने पर भरुच और नर्मदा जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में लोग पूजा पाठ व दर्शन के लिए आने लगे थे। नदी किनारे स्थित विविध शिवालयों के साथ जिले भर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही।

महादेव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


उनाई. गुजराती सावन माह के पहले दिन उनाई के शरभंगेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पौराणिक उनाई माता मंदिर के गर्म पानी के झरने में स्नान कर सुबह से ही भक्त शिव का जलाभिषेक करने को कतार में लग चुके थे। श्रद्धालुओं ने बिल्व पत्र, पुष्प और पवित्र जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय के नाद से गुंजायमान होता रहा।
अंबामाता मंदिर से 19 को निकाली जाएगी कांवड़ यात्रा


वापी. सावन में अंबामाता मंदिर से दमण के वासुकीनाथ महादेव मंदिर तक आयोजित सार्वजनिक कांवड़ यात्रा इस बार 19 अगस्त को निकाली जाएगी। रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे कांवडय़ात्रा अंबामाता मंदिर में दर्शन पूजन के बाद प्रारंभ होगी। रास्ते में चला शुभम टावर में कांवडिय़ों के स्वागत एवं जलपान की व्यवस्था की गई है। बाद में शाम को वासुकीनाथ मंदिर पहुंचकर कांवडि़ए रात्रि जागरण व विश्राम करेेंगे तथा सुबह मंदिर में महादेव को अभिषेक करेंगे। विविध समाज की ओर से यह कांवडय़ात्रा हर साल निकाली जाती है।
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