पलसाणा थाने में 5 जून, 2014 को लालू उर्फ विजयकुमार ठाकोरभाई राठौड़ के खिलाफ बलात्कार का प्रयास करने की शिकायत दर्ज की गई थी। आरोप के मुताबिक सातवीं की छात्रा शौच क्रिया के लिए गई थी। लालू उसे खींच कर खेत में ले गया और जबरदस्ती करने लगा। छात्रा चिल्लाने लगी तो उसने उसका गला दबाने का प्रयास किया। किशोरी उसे धक्का देकर भागने में सफल रही। घर पहुंच कर उसने माता-पिता को लालू की हरकत के बारे में बताया और मामला थाने पहुंचा। पुलिस ने आइपीसी की धारा 354, 506(2) तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लालू को गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान लोकअभियोजक दिगंत तेवार आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त लालू उर्फ विजय राठौड़ को बलात्कार की कोशिश के आरोप में दोषी मानते हुए एक साल की कैद और 200 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।