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शिक्षा से वंचित 882 बच्चों के लिए खुला स्कूल का द्वार

locationसूरतPublished: Aug 16, 2018 09:34:18 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

भरुच जिले के झोपड़पट्टी, अनाथालय, रिमांड होम सहित अन्य क्षेत्रों में शिक्षा से वंचित 1320 बच्चों को खोजा गया

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शिक्षा से वंचित 882 बच्चों के लिए खुला स्कूल का द्वार

भरुच।

भरुच जिले में ऐसे बच्चे जो कभी स्कूल नहीं गया या किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी हो। ऐसे सैकड़ों छात्र-छात्राओं के लिए जिला प्रशासन की ओर से स्कूल का द्वार खोल दिया गया है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले भर के झोपड़पट्टी, अनाथालय, रिमांड होम सहित विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे कर १३२० बच्चों को खोजा गया। इनमें उम्र तथा बुद्धि क्षमता (आईक्यू) के आधार पर विशेष वर्गों में प्रशिक्षण के बाद ८८२ बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया।

प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की व्यापक्ता को बढ़ाने के लिए स्कूल प्रवेशोत्सव, कन्या केलवणी सहित कई योजनाओं को लागू किया गया है। इसके बावजूद हजारों बालक-बालिकाएं शिक्षा से वंचित है। कई बालक तो ऐसे हैं जिन्होंने कभी स्कूल तक नहीं देखा है अथवा पारिवारिक कारणों से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। ऐसे बच्चों को भी शिक्षा से छोडऩे के उददेश्य से भरुच जिले की सभी नौ तहसीलों में सर्वे कराया गया, जिसमें छह से चौदह वर्ष की उम्र समूह के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिकार के तहत शामिल किया गया है। सर्वे के दौरान मिले १३२० बच्चों को उनकी उम्र व बुद्धि क्षमता (आईक्यू) के आधार पर अलग-अलग समूह में बांटा गया। इसके बाद उनका विशेष वर्ग चलाकर उन्हे उस कक्षा में पढऩे के लायक बनाया गया था। भरुच जिले के विभिन्न स्कूलों में हाल ८८२ छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रही है। ज्यादा उम्र वाले बालकों को जिले में शुरु हुए दो सीजन के हॉस्टल में रखकर उनकी पढ़ाई कराने की भी योजना बनाई गई है। इन बालकों के लिए क्लास रूम अगस्त माह के बाद शुरू किया जाएगा। नेत्रंग तहसील से नौ अनाथ और बेसहारा बालकों को सीजन हॉस्टल में प्रवेश दिलाया गया है।

ऐसे बच्चे जो कभी स्कूल नहीं गए हो
जिले में कराए गए सर्वे में बालकों की पहचान कर उन्हें सीआरसी स्तर पर पंजीकृ त कराया गया। ड्राप आउट करने वाले सभी बालक, समाज सुरक्षा, रिमांड होम, नारी संरक्षण गृह के बालक, किसी भी कारण से पढ़ाई बीच में छोडऩे, मजदूर व भिखारियों के बालक शामिल है। पंजीकरण के बाद इनके लिए उम्र व बुद्धि अंक (आईक्यू) के आधार पर निश्चित समय के लिए विशेष वर्ग शुरू किए गए।

भरुच में सबसे ज्यादा और नेत्रंग में सबसे कम बच्चे
पढ़ाई से वंचित रह गए बालकों के सर्वे में कुल १३२० बच्चे मिले थे। इसमें से ८८२ बच्चों को विभिन्न स्कूलो में प्रवेश दिला दिया गया है। सर्वे के दौरान भरुच तहसील से सबसे ज्यादा २३१ और नेत्रंग तहसील से सबसे कम ५३ बच्चे मिले। सभी बालक-बालिकाएं विभिन्न स्कूलो में जा रहे हैं।
सर्वे रिपोर्ट में तहसील अनुसार बच्चों की संख्या:
तहसील बालक बालिकाएं कुल
भरुच 105 126 231
जंबूसर 59 77 136
नेत्रंग 26 27 53
वागरा 52 53 105
वालिया 43 38 81
अंकलेश्वर 101 88 189
झगडिया 46 41 87
कुल 432 450 882

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